दिल्ली और पंजाब के ज्यादातर कांग्रेस नेता अध्यादेश मामले में केजरीवाल के साथ खड़े होने के पक्ष में नहीं
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने खरगे से अलग-अलग मुलाकात की।
New Delhi: कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाई के नेताओं ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की तथा इनमें से ज्यादातर ने दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं आम आदमी पार्टी के साथ नहीं खड़े होने की पैरवी की। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने खरगे से अलग-अलग मुलाकात की।
बैठक के बाद केजरीवाल से गठबंधन संबंधी सवाल पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, ‘‘जहां वैचारिक मतभेद हों, वहां गठबंधन नहीं हो सकता। इस बात को लेकर बहुत साफ हूं कि मेरी लड़ाई सत्य के पक्ष की है। मैं नैतिक मूल्यों को लेकर समझौता नहीं करता। आज नैतिक मूल्य निचले स्तर पर चले गए हैं क्योंकि लोकतांत्रिक मूल्यों का पतन हो गया है।’’
केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों से आग्रह किया था कि वे केंद्र के अध्यादेश से संबंधित विधेयक का संसद में विरोध करें।
इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन और कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं ने केंद्र सरकार के इस अध्यादेश के विषय पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अपने आलाकमान से आग्रह किया था कि वह इस मामले में आम आदमी पार्टी एवं केजरीवाल का समर्थन न करें।
केंद्र ने आईएएस और दानिक्स कैडर के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए हाल ही में अध्यादेश जारी किया था। यह अध्यादेश उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली में निर्वाचित सरकार को पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाओं का नियंत्रण सौंपने के बाद आया।