गुजरात चुनाव : मोदी के पक्ष में समर्थन के बीच गुजरात में बेरोजगारी भी अहम मुद्दा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, गुजरात

गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए बृहस्पतिवार और पांच दिसंबर को दो चरणों में चुनाव हैं।.

Gujarat Election: Unemployment is also an important issue in Gujarat amid support for Modi

 New Delhi :  गुजरात में दिसंबर, 2021 तक करीब 3.64 लाख शिक्षितों एवं ‘अर्ध-शिक्षितों’ ने रोजगार कार्यालयों में पंजीकरण करवाया था। सरकारी आंकड़े से यह जानकारी सामने आयी है। उनमें सबसे अधिक 26,921 बेरोजगार युवा वड़ोदरा जिले में हैं जबकि अहमदाबाद जिले में 26,628, आणंद जिले में 22,515, राजकोट जिले में 18,997, खेड़ा जिले में 16,163 हैं।

इस साल मार्च में राज्य विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों के प्रश्नों के लिखित उत्तर में श्रम, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री ब्रजेश मेरजा ने ये आंकड़े दिये थे।

गुजरात में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है लेकिन इस भाजपा शासित राज्य का शासन मॉडल केंद्र के नरेन्द्र मोदी शासन के मूल में रहा है।सेंटर फोर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (सीएमआईई) ने हाल की ‘भारत में बेरोजगारी- सांख्यिकी प्रोफाइल’ नामक अपनी एक रिपोर्ट में इस साल मई और अगस्त के बीच गुजरात में बेरोजगारी दर 2.83 प्रतिशत बतायी है जबकि इस दौरान राष्ट्रीय स्तर पर यह 10.86 फीसद थी।

सीएमआईई ने गुजरात में 9,066 परिवारों के सर्वेक्षण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला था। वह मुम्बई का एक स्वतंत्र थिंक टैंक है जिसकी स्थापना 1976 में की गयी थी।

गुजरात में बेरोजगारी के परिदृश्य का जो असल संकेत नजर आता है वह यह है कि कुछ महीने पहले करीब 17 लाख अभ्यर्थियों ने तलाती सह मंत्री या ग्राम पंचायत सचिव के 3400 रिक्त पदों के लिए कथित रूप से आवेदन दिया था।

जसदान विधानसभा क्षेत्र के अटकोट गांव के राजू कोली ने कहा, ‘‘ सत्ता में जो भी आए, उसे हम जैसे गरीबों के बारे में सोचना चाहिए। हमें रोजगार के अवसर मिलने चाहिए, गैस सिलेंडर जैसी जरूरी चीजें सस्ती की जानी चाहिए। सरकार को हम जैसे लोगों के बारे में सोचना चाहिए।’’

राज्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में लोगों में सहमति है लेकिन बेरोजगारी की शिकायत कम ही सही, लेकिन गाहे-बगाहे सिर उठाती है। सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के कई विद्यार्थियों ने कहा कि भाजपा ने सड़कों का निर्माण कर, बिजली एवं जलापूर्ति में सुधार कर विकास किया है, लेकिन उनमें से कुछ ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर उसके रिकार्ड को लेकर सवाल भी उठाये।

गोधरा विधानसभा क्षेत्र के दीपक पढियार ने पुलिस कांस्टेबल पद के लिए आवेदन किया था लेकिन वह लिखित परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाया। उसने कहा, ‘‘ मेरे पिता राज्य आरक्षित पुलिस बल में मोची और मां गृहिणी हैं । मां जूते की दुकान भी संभालती हैं । दुकान से बमुश्किल कोई आय आती है। अब मैं तलाती (राजस्व अधिकारी) के लिए आवेदन करना चाहता हूं। इस बार मेरी वरीयता आप (आम आदमी पार्टी) होगी।’’