Gujarat News: पुलिस ने फर्जी अदालत का किया भंडाफोड़, ‘न्यायाधीश’ बनकर फैसला सुना रहा था आरोपी

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, गुजरात

गिरफ्तार आरोपी मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन पर धोखाधड़ी का आरोप है। उसने कई लोगों को यह विश्वास दिलाया कि उसकी अदालत वैध है।

Guarat News: Police busted fake court News in hindi

Gujarat News: Police busted fake court News in Hindi:  गुजरात में पुलिस ने एक फर्जी अदालत का भंडाफोड़ किया है जिसमें एक व्यक्ति खुद को न्यायाधीश बताता था और वह गांधीनगर इलाके में खासतौर से भूमि सौदों में 2019 से ‘फैसले’ पारित कर रहा था।

गिरफ्तार आरोपी मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन पर धोखाधड़ी का आरोप है। उसने कई लोगों को यह विश्वास दिलाया कि उसकी अदालत वैध है।

पुलिस ने बताया कि इस साजिश के कर्ताधर्ता क्रिश्चियन ने भूमि सौदों में फंसे लोगों को अपने झांसे में लिया और भारी-भरकम रकम के बदले में उनके पक्ष में फैसले सुनाए।

उसकी फर्जी अदालत बिल्कुल असली अदालत कक्ष की तरह लगती थी और वह सालों तक इसमें फैसले सुनाता रहा जिसकी भनक किसी को नहीं लगी। इस फर्जी अदालत की शुरुआत 2019 में हुई।

शुरुआती जांच से पता चलता है कि क्रिश्चियन ने भूमि विवादों में फंसे लोगों को अपने जाल में फंसाया और उन्हें मोटी फीस के बदले में त्वरित मुकदमा सुलझाने का वादा किया।

न्यायाधीश की भूमिका निभाकर उसने व्यक्तिगत लाभ के लिए न्याय की प्रक्रिया में हेरफेर करके कमजोर लोगों का शोषण किया।

इस व्यापक साजिश में क्रिश्चियन के साथी भी शामिल रहे जो खुद को अदालत कर्मी बताते थे ताकि अपने झांसे में आए लोगों को ठगने के लिए यह विश्वास दिला सकें कि यह अदालत असली है।

पुलिस ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि क्रिश्चियन ने 2019 में भी ऐसी ही चालबाजी से एक व्यक्ति के पक्ष में फैसला सुनाया। यह मामला जिलाधिकारी के तहत एक सरकारी जमीन से जुड़ा था जबकि उसके झांसे में आए व्यक्ति ने इस पर दावा जताया था और वह पालदी इलाके में स्थित जमीन से संबंधित राजस्व रिकॉर्ड में अपना नाम जोड़ना चाहता था।

इसके बाद क्रिश्चियन ने उस व्यक्ति को बताया कि उसे सरकार द्वारा ‘‘आधिकारिक मध्यस्थ’’ नियुक्त किया गया है।

विज्ञप्ति के अनुसार, इसके बाद उसने अपनी ‘अदालत’ में मुकदमे की फर्जी सुनवाई शुरू की और उस व्यक्ति के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कलेक्टर को राजस्व रिकॉर्ड में उसका नाम जोड़ने का निर्देश दिया।

इस आदेश को तामील कराने के लिए क्रिश्चियन ने शहर की दीवानी अदालत में एक अन्य वकील के जरिए एक अपील दार की और अपने द्वारा पारित फर्जी आदेश संलग्न किया।

अदालत के पंजीयक हार्दिक देसाई ने हाल में पाया कि कि क्रिश्चियन न तो कोई मध्यस्थ है और न ही अधिकरण का आदेश असली है।

देसाई की शिकायत पर यहां करांज पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 170 (किसी सरकारी सेवक के रूप में किसी भी पद पर रहने का ढोंग करना) और 419 (भेष बदलकर धोखाधड़ी करना) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की।

विज्ञप्ति के अनुसार, क्रिश्चियन को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके खिलाफ शहर के मणिनगर पुलिस थाने में 2015 में भी धोखाधड़ी की एक शिकायत दर्ज करायी गयी थी।(pti)

(For more news apart from Gujarat News: Police busted fake court News in hindi, stay tuned to Spokesman Hindi)