गुजरात विधानसभा : ओबीसी आयोग की रिपोर्ट पर कांग्रेस ने सदन किया से बहिर्गमन
कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो गया है।
गांधीनगर : गुजरात विधानसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण पर फैसला करने के उद्देश्य से गठित एक आयोग की रिपोर्ट जारी करने को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कोई ठोस आश्वासन दिए जाने से इनकार करने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने शुक्रवार को सदन से बहिर्गमन कर दिया। ओबीसी के लिए आरक्षण पर फैसला करने के लिए स्थानीय निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति की जांच करने के लिए पिछले साल यह आयोग गठित किया गया था।
वरिष्ठ विधायक अर्जुन मोढवाडिया और अमित चावड़ा की अगुवाई में कांग्रेस के 17 में से कम से कम 15 विधायकों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। इससे पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भानुबेन बाबरिया ने कहा कि रिपोर्ट ‘‘जल्द’’ ही जारी की जाएगी क्योंकि आयोग का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो गया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के लिए बजटीय मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी, भाजपा के अल्पेश ठाकोर और आम आदमी पार्टी (आप) के उमेश मकवाना ने मांग की कि आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार प्रत्येक स्थानीय निकाय में ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित की जाने वाली सीटों पर फैसला एक विस्तृत अध्ययन के बाद आयोग की सिफारिशों के अनुसार लिया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर गठित आयोग की अध्यक्षता गुजरात उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के एस झावेरी ने की। जब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भानुबेन बाबरिया ने रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं दिया तो कांग्रेस विधायकों ने विरोध स्वरूप सदन से बहिर्गमन कर दिया।