गोधरा ट्रेन अग्निकांड : गुजरात सरकार, दोषियों की याचिकाओं पर 10 अप्रैल को सुनवाई करेगा न्यायालय
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह 10 अप्रैल को दोषियों की लंबित जमानत याचिकाओं का "निपटान" भी करेगा।
New Delhi: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दोषियों की जमानत याचिकाओं का निस्तारण 10 अप्रैल को करेगा। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर सुनवाई के दौरान यह बात कही।
तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें कुछ दोषियों के संबंध में कुछ तथ्यात्मक विवरणों को सत्यापित करना है। पीठ ने विधि अधिकारी मेहता की दलीलों पर विचार किया और सुनवाई 10 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी। इस पीठ में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के अलावा न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला भी शामिल हैं।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह 10 अप्रैल को दोषियों की लंबित जमानत याचिकाओं का "निपटान" भी करेगा। इस बीच, पीठ ने एक दोषी की जमानत अवधि इस आधार पर बढ़ा दी कि उसकी पत्नी कैंसर से पीड़ित है।