Haryana Rajasthan Mou Signed: हरियाणा-राजस्थान ने यमुना जल बंटवारे पर MOU किया साइन
दोनों राज्यों के बीच बात होने के बाद समझौता ज्ञापन पर मुख्यमंत्रियों ने हस्ताक्षर किए
Haryana Rajasthan Mou Signed: हरियाणा और राजस्थान ने भूमिगत पाइप लाइनों के माध्यम से हरियाणा के हथिनीकुंड से राजस्थान के हिस्से के यमुना जल के हस्तांतरण और झुंझुनू और चुरू जैसे क्षेत्रों में इसके बाद के उपयोग के लिए संयुक्त रूप से एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
बता दें कि इसको लेकर शनिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के बीच एक बैठक हुई, जिसके बाद दोनों राज्यों के बीच बात होने के बाद समझौता ज्ञापन पर मुख्यमंत्रियों ने हस्ताक्षर किए। वही जानकारी के मुताबिक बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने की।
शेखावत ने इस बात पर जोर दिया कि लंबे समय से चले आ रहे इस मुद्दे के समाधान से राजस्थान, विशेषकर चूरू, सीकर और झुंझुनू जिलों की पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त होगा। वहीं इस दौरान उन्होंने इसको लेकर जानकारी साझा करते हुए कहा की, एक गहरे विमर्श के बाद राजस्थान और हरियाणा के बीच एक डीपीआर बनाने को लेकर सहमति बन गई है, जिसके तहत दोनों राज्यों के बीच अंडरग्राउंड पाइपलाइन के माध्यम से पानी वितरित किया जाएगा। चुरू, सीकर, झुंझुनूं सहित अनेक जिलों को इसका लाभ खासकर पेयजल के रूप में मिलेगा। इस डीपीआर की प्रक्रिया और पूर्णता के लिए चार महीने का समय तय किया गया है। सेंट्रल वॉटर कमीशन और अपर यमुना रिवर बोर्ड की भी इसमें भागीदारी रही।
संवेदनशील प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में बनी यह सहमति ऐतिहासिक है। दो दशकों से अटके मुद्दे पर यह एक ठोस और स्थायी समाधान की दिशा में मजबूत कदम है और निश्चित ही राजस्थान में जल उपलब्धता के विषय में मील का पत्थर साबित होगी।विचार-विमर्श के बाद, भूमिगत पाइपलाइनों के माध्यम से पानी के हस्तांतरण के लिए हरियाणा और राजस्थान सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने पर सहमति बनी।
राज्य सरकारें पूरी क्षमता (24,000 क्यूसेक) के उपयोग के बाद चूरू, सीकर, झुंझुनू और राजस्थान के अन्य जिलों के लिए पेयजल आपूर्ति और अन्य आवश्यकताओं के लिए जुलाई-अक्टूबर के दौरान भूमिगत पाइपलाइनों के माध्यम से 577 एमसीएम तक पानी के हस्तांतरण के लिए डीपीआर तैयार और अंतिम रूप देंगी। ) परियोजना के चरण-1 के तहत हथिनीकुंड में दिल्ली के हिस्से सहित हरियाणा द्वारा पश्चिमी यमुना नहर का। ज्ञापन में कहा गया है कि दोनों राज्य चार महीने की अवधि के भीतर डीपीआर की तैयारी और अंतिम रूप देने में पूरा सहयोग देंगे।
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