SGPC: डेरा प्रमुख के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में याचिका दायर पर SGPC ने की कारवाई की मांग
हाई कोर्ट ने फिलहाल याचिका देरी से दायर करने पर सभी पक्षों से जवाब मांगा है.
SGPC demands action on petition filed against Dera chief for hurting religious sentiments News: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के खिलाफ बठिंडा में 2007 में दर्ज एफआईआर पर कारवाई की मांग को लेकर एसजीपीसी ने हाई कोर्ट में पुन विचार याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने फिलहाल याचिका देरी से दायर करने पर सभी पक्षों से जवाब मांगा है.
सलाबतपुरा में गुरु महाराज का भेष धरने के खिलाफ डेरा मुखी के खिलाफ 20 मई 2007 को बठिंडा में आईपीसी की धारा 295 ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। 2014 पुलिस ने कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल कर दी की कोई जुर्म नहीं बनता।लेकिन सीजेएम बठिंडा ने इस पर कहा की जुर्म बनता है और डेरा मुखी को समन कर लिया गया था। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख ने सीजेएम के आदेश के खिलाफ सेशन कोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल की थी।
सेशन जज ने सात अगस्त 2014 को डेरा मुखी की रिवीजन याचिका स्वीकार करते हुए डेरा मुखी को समन किए जाने के आदेश रद्द कर दिए थे।
तब जसपाल सिंह मंजपुर ने 2015 में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए सेशन जज के इन आदेशों को चुनौती देते हुए सेशन जज के आदेशों को रद्द करने की मांग कर दी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने डेरा मुखी और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया था। अब एसजीपीसी ने भी रिवीजन दाखिल कर दी और सेशन जज के आदेशों को चुनौती दे दी है।
लखबीर सिंह जो कि एसजीपीसी चंडीगढ़ सब ऑफिस के इंचार्ज हैं ने अब रिवीजन दाखिल कर कहा है कि डेरा मुखी दुष्कर्म और हत्या जैसे मामलों में दोषी करार दिया जा चुका है, ऐसे में डेरा मुखी को राहत नहीं दी जानी चाहिए।
एसजीपीसी की यह याचिका करीब नौ सालों बाद दायर की गई है, इसलिए हाई कोर्ट ने फिलहाल याचिका देरी से दाखिल किए जाने पर ही नोटिस जारी किया है।
हाई कोर्ट ने सुनवाई अब सात नवंबर के लिए स्थगित कर दी है और इसी मामले को लेकर पहले से दायर सभी याचिकाओं के साथ इस याचिका पर सुनवाई के आदेश दिए है।
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