Himachal Politics: प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले सियासी हलचल तेज, निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार
बता दे कि 22 मार्च 2024 को तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था और अब तक मामला स्पीकर के पास लंबित है.
Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर बड़ी सियासी हलचल मच गई है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने उन तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं. जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था।
गौर हो कि निर्दलीय विधायक होशियार सिंह (देहरा), आशीष शर्मा (हमीरपुर) और के एल ठाकुर (नालागढ़) ने कांग्रेस के छह बागी विधायकों के साथ 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट किया था।
बता दे कि 22 मार्च 2024 को तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था और अब तक मामला स्पीकर के पास लंबित है. वहीं अब उनके इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए हैं. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने इसकी पुष्टि की है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश की तीन सीटों पर फिर से उपचुनाव होने हैं. आने वाले छह महीने में हिमाचल प्रदेश के तीन अन्य विधानसभा क्षेत्र में भी उपचुनाव होंगे.
इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए हैं. देरी के सवाल पर स्पीकर ने कहा कि इस्तीफा स्वीकार करने की एक प्रक्रिया होती है. उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला हाई कोर्ट में भी चल रहा है. दलबदल विरोधी कानून के तहत मंत्री जगत नेगी की ओर से दायर याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अब इस्तीफा स्वीकार होने के बाद इस पर सुनवाई होगी. वहीं, निर्दलीय उम्मीदवारों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद अब देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे.
स्पीकर के फैसले के बाद नालागढ़ से निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर ने कहा कि बीजेपी केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. उन्होंने कहा कि अब अगर बीजेपी हाईकमान उन्हें उपचुनाव के लिए टिकट देगी तो वह जरूर चुनाव लड़ेंगे.
भाजपा में शामिल होने के बाद हमीरपुर सदर से आशीष शर्मा, नालागढ़ विधानसभा से केएल ठाकुर और देहरा से होशियार सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। वह बीजेपी बैकग्राउंड से हैं. लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीत लिया.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव हुए थे. इस बीच, निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया. इसके बाद हिमाचल के छह कांग्रेस विधायकों ने भी बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया. इसके बाद व्हिप का उल्लंघन करने पर छह कांग्रेस विधायकों की सदस्यता खत्म हो गई. बाद में ये सभी कांग्रेसी बीजेपी में चले गये. इसके साथ ही निर्दलीय विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया. लेकिन पिछले 4 महीने से इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया. ये सभी निर्दलीय विधायक भी अपना इस्तीफा मंजूर कराने के लिए हाई कोर्ट पहुंचे. लेकिन अब इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है.
हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं. कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा की सदस्य संख्या कम होकर 62 रह गयी। लेकिन लोकसभा चुनाव के साथ अब छह सीटों पर उपचुनाव होंगे और छह नये विधायक चुने जायेंगे. अध्यक्ष के तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के साथ ही सदन में सदस्यों की संख्या 59 रह गयी है। राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 34 और भाजपा के 25 विधायक हैं।
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