Himachal Pradesh News: मानसून से पहले हिमाचल के बांध पानी से लबालब, पड़ोसी राज्यों को होगा फायदा

राष्ट्रीय, हिमाचल प्रदेश

हिमाचल के बांध का लबालब भरना पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा की बिजली व पानी की जरूरतों के लिहाज से अच्छी खबर है।

Himachal dams filled with water before monsoon news in hindi

Himachal Pradesh Dams News In Hindi: हिमाचल प्रदेश में जहां मानसून शुरू होने से पहले ही पानी को लेकर परेशानी बढ़ने लगी है। वहीं अब बरसात से पहले ही प्रदेश में बने बांध पानी से भर गए है। जिसके चलते इन बांध के फुल होने के बाद इन्हें खोल दिया गया है।

गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में इस बार पड़ने वाली भीषण गर्मी के कारण ग्लेशियर पिघलने से डैम का पानी डेंजर लेवल के पास पहुंच गया है। भाखड़ा और पौंग 2 ही बांध ऐसे बचे हैं, जिनके जलाशय अभी 31 व 28 मीटर खाली हैं।

दूसरे बांधों के भर जाने के बाद अब इन दोनों के बांध भी भरने शुरू होंगे। इस वजह से बरसात से पहले ही पानी छोड़ने की चेतावनी जारी की जा रही है। सतलुज नदी पर बने नाथपा बांध के बढ़ते स्तर को देखते हुए सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) ने डैम से पानी छोड़ने का अलर्ट और लोगों को नदी किनारे नहीं जाने की एडवाइजरी जारी की है।

हिमाचल के बांध का लबालब भरना पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा की बिजली व पानी की जरूरतों के लिहाज से अच्छी खबर है। क्योंकि उत्तर भारत के कई राज्यों की खेतीबाड़ी व पानी की जरूरतें हिमाचल की नदियों से बहने वाले पानी पर निर्भर रहती हैं।

नाथपा का वाटर लेवल डेंजर लेवल से 2.5 मीटर कम

नाथपा के जलाशय का वाटर लेवल 1495 मीटर है, जो कि 1493 मीटर तक भर गया। इसका डेंजर लेवल 1495.5 मीटर है। यानी नाथपा का जलाशय खतरनाक स्तर से मात्र 2.5 मीटर कम रह गया है। कड़छम बांध के जलाशय का वाटर लेवल भी 1809 मीटर पहुंच गया है, जबकि इसका डेंजर लेवल 1812 मीटर है। मतलब खतरनाक स्तर से मात्र तीन मीटर कम रह गया है।

चमेरा का वाटर लेवल खतरनाक स्तर से 5 मीटर कम

चमेरा-2 परियोजना का जलाशय भी 1157 मीटर भर चुका है। इसका डेंजर लेवल 1162 मीटर है। इसका जलाशय अब पांच मीटर ही भरने को रह गया है। यही स्थिति दूसरी नदियों पर बने बांध की भी है। जिन नदियों का पानी ग्लेशियर पर निर्भर है, उनका पानी पहले ही खतरनाक स्तर के आसपास पहुंच गया है, क्योंकि हिमाचल में इस बार रिकॉर्डतोड़ गर्मी पड़ी है।

पड़ोसी राज्यों को होगा फायदा

गौर हो कि हिमाचल की नदियों में जितना ज्यादा पानी होगा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में खेती के लिए उतना ही पानी मिल पाएगा। मगर बांध का जल स्तर कई बार मानसून की भारी बारिश के दौरान तबाही का कारण भी बन जाता है। ऐसे में इस बार इन बाधों में आए पानी से लोगों को जरूर फैयदा होगा। वहीं फसलों को भी पानी मिल पाएगा।

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