गडकरी का बड़ा बयान - डीपीआर बनाने वाले और अधिकारी जिम्मेदार; मनाली-कुल्लू फोरलेन की खराब स्थिति पर उठाए सवाल
हर साल सड़क हादसों में बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं, और इसका समाधान नहीं मिल पा रहा है: केंद्रीय मंत्री
Union Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari Big Statement: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हिमाचल प्रदेश में मनाली-कुल्लू फोरलेन की खराब स्थिति पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि 3500 करोड़ रुपये से बना यह फोरलेन बारिया में पूरी तरह से उखड़ गया है, जो इंजीनियरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। गडकरी ने अपने बयानों में सड़क निर्माण और सुरक्षा को लेकर कई बार चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों को रोकने के लिए मानवीय व्यवहार में सुधार और कानून का डर होना आवश्यक है।
गडकरी ने इंजीनियरों को कल्प्रिट (दोषी) शब्द इस्तेमाल करते हुए कहा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनाने वाले अधिकारी इसके जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, बहुत सारे अधिकारी तो रिटायर होने के बाद अपनी कंपनी बना लेते हैं। ये लोग गूगल घर बैठकर डीपीआर बनाते हैं। फील्ड में कोई डिटेल स्टडी नहीं करते। उन्होंने कहा, हर साल बारिश में रोड टूट रहा है। इधर पहाड़, उधर भी पहाड़, बीच में रिवर और साथ में नदी किनारे लोग बसे हैं। हर साल बारिश में लैंडस्लाइड हो रहा है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क निर्माण और सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं जताई हैं। उन्होंने कहा कि हर साल सड़क हादसों में बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं, और इसका समाधान नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई डीपीआर बिना विस्तृत अध्ययन के तैयार किए जाते हैं और सरकारी अधिकारी बिना उचित समझ के टेंडर निकालने में जल्दबाजी करते हैं।
गडकरी ने यह भी कहा कि कुछ मंत्री और अधिकारी इन मामलों में पूरी तरह से समझदार नहीं होते और बड़ी कंपनियों के दबाव में आकर टेंडर प्रक्रिया में तकनीकी और वित्तीय योग्यता को निर्धारित करते हैं। उन्होंने सड़क निर्माण में गुणवत्ता और सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इन मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है
उन्होंने कार्यक्रम में बैठे इंजीनियरों से आग्रह किया कि डीपीआर अच्छी होनी चाहिए। उन्होंने पहाड़ों में लोगों की जिंदगी से खेलने से बचने को टनलिंग पर ध्यान देने को कहा। बता दें कि हिमाचल में जब से चंडीगढ़-मनाली फोरलेन बना है, उसके बाद से हर साल ज्यादा तबाही हो रही है। फोरलेन पूरा तैयार होने से पहले ही ब्यास में समा जाता है।
प्रदेश में दूसरे फोरलेन और एनएच प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर भी NHAI की कार्यप्रणाली पर बार बार सवाल उठते रहे हैं। हिमाचल के अलग अलग क्षेत्रों में इन सड़क प्रोजेक्ट के कारण बड़ी संख्या में लोगों के मकान खतरे की जद में आ गए हैं। इसी वजह से राज्य के पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी एनएचएआई अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
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