हिमाचल : पुरानी पेंशन योजना की बहाली का वादा , कांग्रेस की जीत का आधार

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश का पिछले चार दशकों से हर बार सत्ता बदलने का इतिहास रहा है।  भाजपा ने राज्य की महिला मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद होने के कारण उन्हें...

Himachal: Promise of restoration of old pension scheme, the basis of Congress's victory

शिमला : कांग्रेस की पांच साल बाद हिमाचल प्रदेश की सत्ता में वापसी का मुख्य आधार पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली का वादा और सत्ता विरोधी माहौल रहा। प्रियंका गांधी वाद्रा की अगुवाई में कांग्रेस ने अपने प्रचार अभियान को ओपीएस के आधार पर खड़ा किया था और उसे इसका फायदा भी मिला।

गत 12 नवंबर को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां विकास के अपने एजेंडे की बदौलत चुनावी सफलता दोहराने की उम्मीद कर रही थी, तो वहीं मुख्य विपक्षी कांग्रेस मतदाताओं से निवर्तमान सरकार को सत्ता से बेदखल करने की चार दशक पुरानी परंपरा को बरकरार रखने की आशा कर रही थी। 

भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रचार अभियान की कमान संभाली थी और कहा था कि भाजपा के चिह्न ‘‘कमल’’ के लिए पड़ने वाला प्रत्येक वोट उनकी क्षमता बढ़ाएगा।

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई चुनावी सभाएं कीं, जबकि कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान मुख्यत: पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने संभाली थी।

हिमाचल प्रदेश का पिछले चार दशकों से हर बार सत्ता बदलने का इतिहास रहा है।  भाजपा ने राज्य की महिला मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद होने के कारण उन्हें लुभाने के लिए सोच-समझकर कदम उठाए थे। पार्टी ने उनके लिए एक अलग घोषणापत्र भी जारी किया था। 

भाजपा ने समान नागरिक संहिता लागू करने और राज्य में आठ लाख नौकरियां पैदा करने का वादा किया, जबकि कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने, महिलाओं को प्रति महीने 1500 रुपये देने और कई अन्य वादे किए थे