हिमाचल प्रदेश के कसोल में फंसे दो हजार पर्यटकों को निकाला गया: मुख्यमंत्री सुक्खू

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, हिमाचल प्रदेश

सुक्खू ने एक ट्वीट में कहा, '' अब तक कसोल में फंसे दो हजार से ज्यादा लोगों को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया है।

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शिमला/कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को बताया कि मूसलाधार बारिश की वजह से कुल्लू जिले के कसोल में फंसे करीब दो हजार पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि लाहौल में फंसे 300 पर्यटक वाहन अपने-अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो चुके हैं।

अधिकारियों ने बताया कि कुल्लू-मनाली मार्ग मंगलवार शाम को खोला गया और करीब दो हजार वाहनों ने कुल्लू को पार किया। मनाली और उसके उपनगरों के आस-पास के इलाकों में पिछले दो दिन से मोबाइल सिग्नल नहीं था और पर्यटक अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पा रहे थे।

सुक्खू ने एक ट्वीट में कहा, '' अब तक कसोल में फंसे दो हजार से ज्यादा लोगों को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया है। हमारे दल कसोल-भुंतर मार्ग पर दुन्खरा में हुए भूस्खलन के मलबे को साफ करने का अथक प्रयास कर रहे हैं। जिला प्रशासन मौके पर राहत प्रयासों में समन्वय कर रहा है। कुल्लू को सफलतापूर्वक पार करने वाले 2200 से ज्यादा वाहनों को रामशिला चौक पर खाद्य सामग्री मुहैया कराई जा रही है।''

उन्होंने कहा, ''मैं खुद हालात का जायजा ले रहा हूं और इन चुनौतियों से पार पाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मजबूती से बढ़ता हुआ हिमाचल प्रदेश।'' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ''लाहौल में फंसे पर्यटक वाहनों को रात में निकाल लिया गया। 300 से ज्यादा पर्यटक वाहन अपने-अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो चुके हैं।''

कुल्लू के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ने कहा कि एक जांच चौकी स्थापति की गई है, जहां पुलिस (फंसे) लोगों की जानकारी इकट्ठा कर रही है और उन्हें हमारे फेसबुक पेज पर साझा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को राहत सामग्री भी मुहैया कराई जा रही है और भोजन तथा पीने का पानी रामशिला चौक पर उपलब्ध कराया जा रहा है।

भूस्खलन और बाढ़ की वजह से कुल्लू और लाहौल के बहुत से हिस्सों में सड़कें या तो पानी में बह गईं या मलबे की वजह से बाधित हो गई थीं, जिस कारण भारी संख्या में पर्यटक फंस गए थे। फंसे हुए लोगों को होटलों, विश्रामघरों, होम स्टे और दूसरे गंतव्य स्थानों पर ठहराया गया था।

कई होटलों और पर्यटन इकाइयों ने फंसे हुए पर्यटकों को मुफ्त रहने और भोजन की पेशकश की, और सोशल नेटवर्किंग साइटों पर अपने होटलों के पते और संपर्क नंबर साझा किए।

प्राकृतिक आपदा की वजह से पर्यटकों के लिए छुट्टियाँ एक बुरे सपने की तरह थीं। बड़ौदा के एक पर्यटक ने कहा ‘‘हमारे पास सीमित नकदी थी, मोबाइल कनेक्टिविटी और बिजली बंद थी, एटीएम काम नहीं कर रहे थे और होटल व्यवसायी भुगतान के लिए अड़े हुए थे। हमने उनसे कहा कि हमारे रिश्तेदार ऑनलाइन भुगतान करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि यह नहीं किया जा सकता क्योंकि कोई मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है।” सड़क बचाव दल चंद्रताल मार्ग से बर्फ हटा रहे हैं। चंद्रताल में शनिवार से करीब 300 पर्यटक फंसे हुए थे, जिनमें से दो बुजुर्ग और एक लड़की समेत सात अस्वस्थ पर्यटकों को मंगलवार की शाम को चंद्रताल से हवाई मार्ग से भुंतर पहुंचाया गया।

बचाव दल का नेतृत्व कर रहे काजा के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने कहा कि कुंजुम दर्रे के पास सड़क पर तीन से चार फुट बर्फ है और उसे हटाने का काम जोरों पर चल रहा है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा था कि सभी फंसे हुए पर्यटकों को बुधवार तक निकाल लिया जाएगा और इस कार्य के लिए छह हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्राकृतिक आपदा की वजह से पहाड़ी राज्य को अनुमानित 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।