पर्यटक बसों पर कर की वजह से गुजरात के ट्रैवल एजेंट हिमाचल जाने से कर रहे हैं परहेज'
संघ के सदस्यों ने पर्यटन व्यापार मेला के दौरान गांधी नगर में गुजरात ट्रैवल एजेंटों के साथ बैठक की।
शिमला: हिमाचल प्रदेश के बाहर पंजीकृत पर्यटक बसों पर राज्य में कर लेने और पार्किंग सुविधाओं की कमी के चलते गुजरात के ट्रैवल एजेंट वहां जाने से परहेज कर रहे हैं। पर्यटन हितधारकों ने शनिवार को यह जानकारी दी। शिमला पर्यटन हितधारक संघ के अध्यक्ष एम के सेठ ने एक बयान में कहा कि संघ के सदस्यों ने पर्यटन व्यापार मेला के दौरान गांधी नगर में गुजरात ट्रैवल एजेंटों के साथ बैठक की।
बैठक के दौरान ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ पैन इंडिया (टीएएपीआई) के अध्यक्ष विनेश शाह ने कहा कि गुजरात के ट्रैवल एजेंट हिमाचल पर्यटन को बढ़ावा देने के इच्छुक हैं, लेकिन कुछ प्रमुख समस्यायें हैं, जिनके कारण ‘टूर ऑपरेटर’ हिमाचल में पर्यटक समूहों को ले जाने में संकोच करते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में अन्य राज्यों के पंजीकरण नंबर वाली पर्यटक बसों पर कोई कर नहीं है, लेकिन हिमाचल उच्च कर वसूल रहा है। बाहर पंजीकृत पर्यटक बसों से प्रतिदिन 3,000 रुपये से 6,000 रुपये की बढ़ी हुई दर से कर लिया जा रहा है। इसके कारण हिमाचल का दौरा अलाभकारी बन गया है।
शिमला पर्यटन हितधारक संघ ने गुजरात के ट्रैवल एजेंटों को आश्वासन दिया है कि इन समस्याओं को हल करने के लिए राज्य सरकार के समक्ष यह मामला उठाया जाएगा।