हेमंत सरकार युवाओं के भविष्य को लटकाने, भटकाने और अटकाने में लगी हुई है : गौतम सिंह
हाईकोर्ट ने राज्य में 26000 सहायक शिक्षकों (आचार्य) की नियुक्ति के लिए चल रही प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
रांची: राज्य के युवाओं के प्रति यह सरकार कभी गंभीर नहीं रही है। युवाओं को रोजगार देने की नीयत ही नहीं है इस सरकार की, जिन युवाओं का मत लेकर हेमंत सरकार सत्ता पर पाई उनसे किए एक वादे को भी पूरा नहीं किया इन्होंने। इनकी गलत नीतियों के चलते ही आज झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में 26000 सहायक शिक्षकों (आचार्य) की नियुक्ति के लिए चल रही प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
उक्त बातें अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सिंह ने सहायक शिक्षकों नियुक्ति पर हाइकोर्ट द्वारा रोक लगाने पर कही। उन्होंने सरकार को छात्र विरोधी बताते हुए कहा कि हेमंत सरकार जान बूझ कर ऐसी नियुक्ति प्रक्रिया लेकर आती है जो आगे चल कर किसी न किसी स्तर पर रद्द हो जाए या उसपर रोक लगा दिया जाता है। राज्य सरकार सिर्फ छात्रों के भविष्य से खेल रही है और उनके बीच में भ्रम पैदा करने का काम कर रही है। हमारे संगठन ने शुरू से इस नियुक्ति प्रक्रिया का विरोध किया था।
आपको बता दें कि न्यायालय ने सहायक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में पारा शिक्षकों को 50% आरक्षण दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान प्रार्थी बहादुर महतो की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार की वर्ष 2023 की नियमावली के तहत बीआरपी एवं सीआरपी संविदाकर्मियों (Guest Teacher)को नियुक्ति में 50 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है। जबकि पिछली नियमावली में इन्हें आरक्षण प्राप्त था। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की बेंच में इस मामले की सुनवाई करते हुए जेएसएससी ( झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन) को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।अब इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। तब तक के लिए इस नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है।