आदि महोत्सव देश की संस्कृति, परम्पराओं और कला को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने का एक प्रमुख मंच : अर्जुन मुंडा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, झारखंड

अगली 16 तारीख तक हमारे झारखंड के लोग जनजातीय रंग में रंगने वाले हैं |

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जमशेदपुर : भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) ने  भव्य आदि महोत्सव, एक जनजातीय महोत्सव की शुरुआत की है।  महोत्सव का उद्घाटन केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद  विद्युत वरण महतो, विधायक (जमशेदपुर पूर्वी) सरयू राय, चाणक्य चौधरी (उपाध्यक्ष (कॉर्पोरेट मामले), टाटा स्टील) और सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों एवं आदिवासी उत्साही लोगों की उपस्थिति में, बिस्टुपुर, गोपाल मैदान, जमशेदपुर, झारखंड में हुआ । समारोह में लोगों ने इस सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कार्यक्रम में  आनंद और महत्व को जोड़ा और इस आयोजन को एक यादगार और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध अनुभव बनाने में अपना योगदान दिया। 

इस अवसर पर केन्द्रीय जनजातीय मंत्री  अर्जुन मुंडा ने कहा “ आदि महोत्सव हमारे देश की जनजातीय संस्कृति, परम्पराओं और कला को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने का एक प्रमुख मंच है। । यह हमारे आदिवासी पूर्वजों, विभिन्न अद्वितीय आदिवासी समुदायों की संस्कृति, उनकी जीवनशैली और स्वयं आदिवासियों के योगदान का उत्सव है | जमशेदपुर में आयोजित यह महोत्सव विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) और वन धन केंद्र लाभार्थियों सहित लगभग 336 जनजातीय कारीगरों और कलाकारों की मेजबानी कर रहा है | 
देश के कोने कोने से आए मेरे आदिवासी भाई बहनों के संगीत, कला, चित्रकला और व्यंजनों के अलावा, आदि महोत्सव कारीगरों से मिलने, उनके जीवन जीने के तरीके के बारे में जानने और जनजातीय संस्कृति व परंपराओं से रूबरू होने का यह अवसर है | यह आदि महोत्सव “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की अनुभूति को पूर्ण करता है | 

अगली 16 तारीख तक हमारे झारखंड के लोग जनजातीय रंग में रंगने वाले हैं | आपकी जिज्ञासा, आपके समर्थन से इनको उत्साह मिलेगा |  आइये इन 10 दिनों को यादगार बना दें, आपके लिए भी और इनके लिए भी |”

आदिवासी उद्यमिता, शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और वाणिज्य का वार्षिक उत्सव, आदि महोत्सव, देश भर की जनजातियों की समृद्ध और विविध विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। इस वर्ष यह महोत्सव विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) और वन धन केंद्र लाभार्थियों सहित 336 आदिवासी कारीगरों और कलाकारों की प्रतिभा को उजागर करेगा। इस कार्यक्रम में झारखंड के 30 कारीगरों के स्टॉल, लगभग 11 वीडीवीके के स्टॉल और 5 व्यंजन स्टॉल शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में 15 व्यंजन स्टालों सहित अन्य राज्यों के 68 कारीगरों के स्टालों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें कपड़ा, पेंटिंग, आभूषण, धातु, बेंत और बांस और व्यंजन जैसी विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन किया जाएगा। विभिन्न मंत्रालय और उनके विभाग भी इस आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।

जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत एक अग्रणी संगठन के रूप में ट्राइफेड, जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने, विपणन सहायता, ब्रांडिंग प्रदान करने और उनकी अनूठी कला, संस्कृति और उत्पादों के लिए बाजार तक पहुंच का विस्तार करने की अपनी प्रतिबद्धता जारी रखेगा।