Jharkhand News: आदिवासी मूलवासी का विकास झामुमो की नीयत में नहीं -प्रतुल शाह देव

राष्ट्रीय, झारखंड

आदिवासी मूलवासी के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले झामुमो को मंत्री मिथलेश ठाकुर, बन्ना गुप्ता पर भी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए -प्रतुल शाह

Development of tribal people is not in JMM intention said Pratul Shah news

Jharkhand News In Hindi: रांची, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रेस वार्ता पर पलटवार करते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और गठबंधन सरकार किसी भी सूरत में यहां के आदिवासी मूल वासियों का विकास नहीं चाहती। साढ़े चार वर्षों में यहां वायदे के अनुसार 22.5 लाख सरकारी नौकरियां होनी चाहिए थी।

मगर ये घोषणा हवा हवाई साबित हुई। हक मांग रहे छात्रों को पीटा गया। महिला उत्पीड़न रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया ।पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और वर्तमान मंत्री आलमगीर आलम दोनों भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद है। पूरे राज्य में विधि व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गई है।

कहा कि इस सरकार के प्राथमिकता में सिर्फ खुद का विकास है। इसीलिए तमाम लीज सिर्फ सोरेन परिवार के सदस्यों और उनके करीबियों को मिला। आदिवासी मूलवासी अपने आप को इस सरकार में ठगा महसूस कर रहे हैं।प्रतुल ने कहा कि अब यह सरकार अपनी राजनीतिक मृत्यु शैय्या पर पड़ी हुई है। अपने घोषणा पत्र में दिए गए एक भी वादे को ये पूरा नहीं कर पाए हैं।खतियान आधारित नियोजन नीति को भी इन्होंने जानबूझकर फंसा दिया। ओबीसी आरक्षण के लिए जरूरी ट्रिपल टेस्ट अभी तक शुरू नहीं हुआ। अबुआ आवास में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की खबरें आ रही हैं। यह पूरे तरीके से फ्लॉप सरकार है

आसन्न विधानसभा चुनाव के कारण झामुमो को आदिवासी मूलवासी की याद आ रही है,थोड़ा मंत्री मिथलेश ठाकुर और बन्ना गुप्ता के विषय में भी स्थिति स्पष्ट करें

प्रतुल शाह देव ने कहा कि अचानक झारखंड मुक्ति मोर्चा आदिवासी मूलवासी के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रही है। भाजपा का मूल मंत्र सबका साथ, सबका विश्वास ,सबका विकास है. भाजपा की केंद्रीय कैबिनेट में क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन का विशेष ध्यान दिया गया है। आदिवासी मूलवासी के नाम पर नाटक करने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा को थोड़ा मंत्री गण मिथलेश ठाकुर और बन्ना गुप्ता के विषय में भी विस्तार से स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। वैसे झामुमो का केडी सिंह ,मुक्तिनाथ उपाध्याय और आर के आनंद जैसे लोगों को राज्यसभा भेजने का पुराना रिकॉर्ड रहा है।

50 सीटों पर एनडीए आगे रहा, सत्ताधारी गठबंधन 29 सीटों पर सिमट गया

प्रतुल ने कहा कि इस बार के लोक सभा चुनाव के विधानसभा क्षेत्रों में 50 सीटों पर इस बार एनडीए आगे रहा। राज्य के मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष  अपने अपने क्षेत्र में उम्मीदवार को जीत नही दिला सके। यह गठबंधन सत्ता में रहने के बाद भी सिर्फ 29 सीटों पर सिमट गया। इनको 2024 के अंत में होने वाले राज्य  विधानसभा चुनाव के परिणाम की झलक दिख गई है।इसलिए यह बदहवास होकर अनर्गल बयान बाजी कर रहे हैं।अच्छा होता झामुमो अपनी चिंता करता।

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