झारखंड : बिंदी लगाकर स्कूल आने पर छात्रा की पिटाई के बाद आत्महत्या, मामले की जांच करेगा NCPCR
शिक्षिका ने प्रार्थना के दौरान 17 वर्षीय लड़की को माथे पर बिंदी लगाने के लिए थप्पड़ मार दिया था।
रांची : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह 10वीं कक्षा की छात्रा की मौत के मामले की जांच करेगा, जिसने बिंदी लगाकर स्कूल आने के लिए शिक्षिका द्वारा थप्पड़ मारे जाने के बाद कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। घटना 10 जुलाई को धनबाद के तेतुलमारी में हुई जहां एक शिक्षिका ने प्रार्थना के दौरान 17 वर्षीय लड़की को माथे पर बिंदी लगाने के लिए थप्पड़ मार दिया था। शिक्षिका और स्कूल के प्रधानाचार्य को गिरफ्तार किया जा चुका है।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पीटीआई भाषा को बताया, ''हमें सूचना मिली है कि धनबाद के एक स्कूल में बिंदी लगाकर आने पर पीटे जाने और अपमानित किए जाने से आहत हो कर एक छात्रा ने आत्महत्या की है। एनसीपीसीआर ने मामले पर संज्ञान लिया है और हम मामले की जांच करेंगे।''
कानूनगो ने कहा कि एनसीपीसीआर का एक दल मामले की जांच के लिए धनबाद जाएगा।
पुलिस के मुताबिक, लड़की ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने घटना के लिए शिक्षिका और स्कूल के प्रधानाचार्य को कथित रूप से जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि तेतुलमारी पुलिस थाने के प्रभारी को संबोधित करते हुए सुसाइड नोट में लड़की ने कहा कि वह सबके सामने किया गया अपना अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती और अपनी जान दे रही है। उसने शिक्षिका और प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की।
लड़की ने स्कूल से घर लौटने के बाद अपने कमरे में लगे पंखे से लटककर फांसी लगा ली। पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त कर लिया और शिक्षिका तथा प्रधानाचार्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
लड़की के परिवार का आरोप है कि जब लड़की की मां अपनी बेटी को थप्पड़ मारने और उसका अपमान करने की शिकायत लेकर स्कूल पहुंची तो प्रधानाचार्य ने उसे वापस भेज दिया।
परिवार ने लड़की के शव को सड़क पर रखकर रास्ता रोक दिया और आरोप लगाया कि पुलिस ने घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं की। बाघमारा क्षेत्र की पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) निशा मुर्मू बाद में घटनास्थल पर पहुंचीं और गुस्साए अभिभावकों को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। उसके बाद स्कूल से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।