झारखंड बंद: छात्र संगठनों ने सरकारी नौकरियों में 100 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर बुलाया बंद, मिलाजुला असर

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, झारखंड

जिला प्रशासन ने बंद के मद्देनजर विस्तृत तैयारी की है।

Student organizations called for 100 percent reservation in government jobs,

रांची : झारखंड सरकार की नौकरियों में स्थानीय लोगों को शत प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों द्वारा बुधवार को बुलाए गए 12 घंटे के राज्यव्यापी बंद का मिला जुला असर देखने को मिला। बंद से जहां सार्वजनिक यातायात प्रभावित हुआ, वहीं स्कूल भी बंद रहे। झारखंड राज्य छात्र संघ (जेएसएसयू) के बैनर तले अलग-अलग छात्र संगठनों के सदस्य सुबह छह बजे शुरू हुए बंद को लागू कराने के लिए सड़कों पर उतरे।

पुलिस ने बताया कि कई छात्र नेताओं को पूरे राज्य में टायर जलाकर सड़क बाधित करने और हंगामा करने के मामले में हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि लंबी दूरी की अधिकतर बसें सड़कों से नदारद रहीं जबकि कई जिलों में स्कूलों को बंद रखा गया। हालांकि अधिकतर जिलों में दुकानें, कार्यालय और कारोबारी प्रतिष्ठान खुले रहे और ऑटो रिक्शा का परिचालन आम दिनों की तरह हो रहा है।

रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) किशोर कौशल ने बताया, ‘‘रांची में यातायात बाधित करने की कोशिश कर रहे 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है।’’ उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने बंद के मद्देनजर विस्तृत तैयारी की है।

कौशल ने बताया, ‘‘रांची के रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर स्थिति सामान्य है।’’ उन्होंने बताया कि शहर की कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए करीब 2500 अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। राज्य भर में कई स्कूल बंद रहे, जबकि झारखंड अकादमिक परिषद (जेएसी) ने निर्धारित परीक्षाओं को रद्द कर दिया। दुमका और साहिबगंज जिलों में बाजार और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे, सड़कों से बसें नदारद रहीं और स्कूल कॉलेज भी नहीं खुले। हालांकि इन दोनों जिले में सरकारी कार्यालयों में आम दिनों की तरह कामकाज हो रहा है।.

धनबाद, जमशेदपुर और गोड्डा में आम जनजीवन मोटे तौर पर सामान्य रहा और दुकानें व कारोबारी प्रतिष्ठान खुले रहें और सामान्य दिनों की तरह ऑटो रिक्शा सड़कों पर दिखें।

सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 100 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर छात्र संगठन अपने 72 घंटे के आंदोलन के तहत सोमवार से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। रांची में मंगलवार शाम को प्रदर्शनकारियों ने मशाल जुलूस निकाला। उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। जेएसएसयू नेता देवेंद्र महतो ने कहा, ‘‘इस सरकार ने स्थानीय लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में 100 प्रतिशत आरक्षण का वादा किया था, लेकिन राज्य के बाहर के छात्रों के लिए दरवाजा खोल दिया, जिससे हमें बंद का आह्वान करना पड़ा।’’

उन्होंने कहा कि 1932 की 'खतियान' (भूमि बंदोबस्त) आधारित भर्ती योजना को लागू करने के बजाय, यह सरकार पुरानी रोजगार नीति को वापस ले आई है जिसके तहत 60 प्रतिशत सीटें वंचित छात्रों के लिए आरक्षित होंगी, जबकि 40 प्रतिशत सीट सभी के लिए होंगी।.