Jharkhand Budget 2024-25: झारखंड बजट 2024-25 को बीजेपी ने बताया जुमला, कहा- लूट खसोट की योजनाओं का कॉपी पेस्ट है
इस बजट से झारखंड को बहुत उम्मीद थी लेकिन आज जन-उत्थान और विकास की रूपरेखा निर्धारित करने में यह सरकार विफल साबित हुई है।
BJP called Jharkhand Budget 2024-25 a 'jumla', said - copy paste of looting schemes News In Hindi: आज झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 1,28,900 करोड़ रुपये का वर्ष 2024-25 का बजट सदन पटल पर रखा। सरकार के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि झामुमो-कांग्रेस-राजद कुशासन के अंतिम बजट में विफ़ल हेमन्त सरकार भाग-2 ने पूरे प्रदेश को निराश किया है। यह बजट कमज़ोर नेतृत्व, असमर्थ-असक्षम सरकार का आईना है।
इस बजट से झारखंड को बहुत उम्मीद थी लेकिन आज जन-उत्थान और विकास की रूपरेखा निर्धारित करने में यह सरकार विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि इस दिशाहीन व निराशाजनक बजट से पूरे राज्य को निराशा हुई है, लुभावने घोषणाओं के मायाजाल व निष्क्रिय क्रियान्वयन से योजनाएं विफल साबित हो रही हैं।
जहां बीते बजट की तरह यह भी एक जुमला है, झारखंड सरकार ने जनवरी 2024 तक वर्ष 2023-24 के बजट का मात्र 54 फीसदी राशि ही खर्च किया है तो वहीं दूसरी ओर पिछले बजट में 59 घोषणाएं हुईं, पर 10 ही पूरी हो पाई। इनके प्रति कौन जवाबदेह होगाउन्होंने कहा कि झारखंड में साढ़े 4 साल से विकास की राह देख रही जनता का गुस्सा अब झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार के खिलाफ फूटने लगा है। इस बात जनता इस महाठगबंधन वाली सरकार को विदा कर देगी।
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी बजट को अदूरदर्शी सोच वाला ,विकास विरोधी बजट बताया। मरांडी ने कहा कि यह बजट राज्य के खजाने को केवल लुटने और लुटवाने वाला है। मरांडी ने कहा कि इसमें कोई दूरगामी सोच वाला लोक कल्याणकारी योजनाओं का समावेश नही है। केवल लूट खसोट की योजनाओं का कॉपी पेस्ट करते हुए ऑफिसर्स केलिए लूट के रास्ते को खुला रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को ठगबंधन सरकार ने 4वर्ष पूर्व ही 2लाख तक के ऋण माफी की बात कही थी लेकिन सब खाली गया। युवाओं के बेरोजगारी भत्ता का भी वादा पूरी तरह विफल साबित हुआ। उल्टे इस सरकार ने भाजपा सरकार की योजनाओं को बंद कर किसानों के साथ अन्याय किया। कहा कि किसान अपने धान के बकाए केलिए भी चक्कर लगा रहे। बिचौलिए से बेचने केलिए विवश हुए।