राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची झारखंड, केंद्रीय विश्वविद्यालय के "तृतीय दीक्षांत समारोह" में हुईं शामिल
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में राज्य सरकार अपनी अहम भूमिका निभाएगा
रांची (राजेश चौधरी): झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में एक दिवसीय दौरे पर आयी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु झारखंड के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में आप सभी के मध्य उपस्थित होना मेरे लिए विशेष गौरव का क्षण है। सर्वप्रथम मैं पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक समाप्त कर उपाधि पा रहे कुल 800 स्नातकों, परास्नातकों और शोधार्थियों को बधाई देता हूँ तथा चांसलर मेडल, गोल्ड मेडल और पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर रहे शिक्षार्थियों को विशेष बधाई देता हूं।
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में राज्य सरकार अपनी अहम भूमिका निभाएगा
राष्ट्रपति दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में कहा की आपके शैक्षिक विकास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। आपके द्वारा अर्जित की गयी शिक्षा के उपरांत प्राप्त होने वाली यह उपाधि आपके कठोर परिश्रम का परिणाम है। आप सबके लिए यह अवसर जितना महत्वपूर्ण है उतना ही आपके शिक्षकों, मार्गदर्शकों, और अभिभावकों के लिए भी यह गौरव का क्षण है। राज्य में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के स्तर को शिखर तक ले जाने के लिए झारखण्ड राज्य सरकार योगदान है।
मुझे यह बताते हुए खुशी है कि झारखंड राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की जा चुकी है तथा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम अपनाया गया है तथा बहु-विषयक एवं रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न आयामों यथा Multiple Entry-Multiple Exit, Academic Bank of Credits आदि का अनुपालन सुनिश्चित किया गया है। राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन C.U.E.T. के माध्यम से लिया जाने लगा है। राज्य में उच्च स्तरीय शोध कार्य हेतु बुनियादी संरचना विकसित करने, नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने तथा शिक्षकों छात्रों की गुणवत्ता में उत्तरोत्तर वृद्धि हेतु कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 के तहत 1 मार्च 2009 को अस्तित्व में आया झारखंड का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड वासियों के लिए गौरव की बात है। मुझे यह ज्ञात है कि विश्वविद्यालय वर्तमान में दो परिसरों में परिचालित हो रहा है। अस्थायी परिसर ब्राम्बे, रांची और स्थायी परिसर चेरी-मनातू गाँव में स्थित है। स्थायी परिसर के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रथम चरण में 319 एकड़ गैरमजरुआ भूमि हस्तांतरित की गयी थी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने 139 एकड़ रैयती भूमि का अधिग्रहण करके केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड को देने का निर्णय लिया है। इसमें से 15 एकड़ के अधिग्रहण हेतु लगभग 100 करोड़ की राशि का आवंटन किया जा चुका है।
मुझे बताया गया है कि कुछ भूमि के अधिग्रहण में कतिपय समस्याएँ हो रही हैं, इन्हे राज्य सरकार के द्वारा शीघ्र ही दूर कर लिया जायेगा। विश्वविद्यालय में विद्युत आपूर्ति की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में विद्युत सब-स्टेशन का निर्माण किया जा चुका है। इस परिसर हेतु जलापूर्ति की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने का कार्य भी राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। स्थायी परिसर में शैक्षणिक भवन एवं अन्य आंतरिक सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है। झारखंड सरकार स्थायी परिसर के निर्माणाधीन विकास कार्य में अपनी भूमिका निभाने के लिए कृतसंकल्प एवं समर्पित है। राज्य सरकार विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभाएगा इसके लिए मैं आपको आश्वस्त करता हूं।
विश्वविद्यालय परिवार को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं। झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में उपस्थित हुए राज्यपाल सी०पी० राधाकृष्णन, शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार, श्रीमती अन्नपूर्णा देवी जी, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जे०पी० लाल जी, विश्वविद्यालय के कुलपति क्षितिज भूषण दास जी,
(For more news apart from President Draupadi Murmu reached Jharkhand, Third Convocation of Central University news in hindi , stay tuned to Rozana Spokesman Hindi)