Chandigarh News: बठिंडा डबल मर्डर केस, हाई कोर्ट ने आरोपित को जमानत देने से किया इंकार
यह मामला 4 दिसंबर 2023 को नथाना थाने में दर्ज एफआईआर से जुड़ा है
Chandigarh News In Hindi : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बठिंडा में हुए डबल मर्डर केस के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि “अपराध की गंभीरता और उसका स्वरूप स्वयं ही आरोपित को जमानत जैसे विवेकाधीन राहत से वंचित करता है।”
यह मामला 4 दिसंबर 2023 को नथाना थाने में दर्ज एफआईआर से जुड़ा है, जिसमें आईपीसी की धारा 302 और 34 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि याचिकाकर्ता हंसा सिंह ने अपने सह-आरोपी के साथ मिलकर जगमीत सिंह जो पुलिस विभाग में कार्यरत थे और उनकी पत्नी बंत कौर की बेरहमी से हत्या कर दी। दोनों ने प्रेम विवाह किया था, जिससे नाराज होकर आरोपित पक्ष ने साजिश रचकर वारदात को अंजाम दिया।
जस्टिस सुमित गोयल ने आदेश में कहा कि आराेपेित और सह-आराेपेित घातक हथियारों से लैस होकर पीड़ित दंपत्ति पर हमला करते हैं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी दोनों की हत्या की पुष्टि हुई है। अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता, जो मृतक पुलिसकर्मी का भाई है, ने लगातार अपने बयान दोहराए हैं और उसकी गवाही चिकित्सीय व परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से भी पुष्ट होती है।
जमानत याचिका खारिज करते हुए जस्टिस गोयल ने टिप्पणी की कि इस तरह के अपराध सामाजिक चेतना और कानून-व्यवस्था की जड़ पर चोट करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जमानत देना न केवल अपराध की गंभीरता को कमतर आंकना होगा बल्कि इससे आरोपित को और साहस मिल सकता है।
कोर्ट ने यह भी आशंका जताई कि यदि आरोपित को रिहा किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित, धमकाने या डराने की कोशिश कर सकता है, जबकि कई महत्वपूर्ण गवाहों की गवाही अभी बाकी है।
जस्टिस गोयल ने कहा कि केवल लंबे समय तक हिरासत में रहना जमानत का आधार नहीं हो सकता। अदालत ने स्पष्ट किया कि कोई ठोस व पर्याप्त आधार प्रस्तुत न किए जाने पर याचिकाकर्ता को नियमित जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका निराधार है और इसे खारिज किया जाता है।
(For more news apart from Bathinda double murder case, High Court refuses to grant bail to the accused News Today in Hindi stay tuned to Rozana Spokesman Hindi)