Punjab News: राज्य में हर दूसरे दिन आम लोगों को मिल रही गैंग्सटरों की ओर से धमकी
यह जानकारी पंजाब पुलिस की एंटी गैंग्सटर टास्क फोर्स के एडीजीपी प्रमोद बान ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को दी।
Every second day in Punjab common people are getting threats from gangsters News In Hindi: पंजाब में संगठित अपराध व गैंग्सटरों से जुड़ी घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले तीन वर्षों 2023 से लेकर मार्च 2025 तक राज्य में निजी व्यक्तियों की ओर से गैंग्सटरों से धमकी मिलने की कुल 569 एफआइआर दर्ज करवाई गई हैं। इनमें वर्ष 2023 में 220, वर्ष 2024 में 279 व 2025 में मार्च तक 70 शिकायतें आई हैं। इस प्रकार लगभग हर दूसरे दिन कोई न कोई गैंग्सटर आम लोगों को धमकी दे रहा है. इन मामलों की जांच संबंधित इलाकों के पुलिस कमिश्नर व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की निगरानी में की जा रही है। जांच कर रहे अधिकारियों को तकनीकी, खुफिया और आपरेशनल सहायता के लिए राज्य की विभिन्न इंटेलिजेंस यूनिटों के साथ-साथ एंटी गैंग्सटर टास्क फोर्स से भी सहयोग लेने के निर्देश दिए गए हैं।
यह जानकारी पंजाब पुलिस की एंटी गैंग्सटर टास्क फोर्स के एडीजीपी प्रमोद बान ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को दी। उन्होंने कोर्ट के कुछ सवालों के जवाब में बताया कि राज्य में संगठित अपराध से निपटने के लिए पहले एक अप्रैल 2017 को काउंटर इंटेलिजेंस विंग के अंतर्गत एक स्पेशल सेल आर्गेनाइज्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट' का गठन किया गया था लेकिन बाद में 6 अप्रैल 2022 को इस यूनिट की जगह 'एंटी गैंग्सटर टास्क फोर्स' (एजीटीएफ) बनाई गई। एजीटीएफ एक आपरेशनल यूनिट है जिसका विशेष उद्देश्य तकनीकी खुफिया जानकारी जुटाना और पुलिस कमिश्नरेट व जिलों को आपरेशनल सहायता देना है। इसके अलावा, यह यूनिट संगठित अपराध से संबंधित मामलों में पंजाब पुलिस तथा राज्य व केंद्रीय एजेंसियों के बीच समन्वय का कार्य भी करती है। संगठित अपराध पर नियंत्रण के लिए अलग से कानून बनाए जाने के सवाल पर एडीजीपी ने बताया कि पंजाब कंट्रोल आफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट के लिए सबसे पहले 27 नवंबर 2011 को पंजाब पुलिस के डीजीपी ने गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा था लेकिन यह कानून पारित नहीं हो सका। इसके बाद फिर से 27 जून 2022 को ताजा प्रस्ताव भेजा गया लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
हाईकोर्ट ने 25 मार्च को राज्य सरकार से यह स्पष्टः करने को कहा था कि क्या संगठित अपराध से निपटने के लिए कोई अलग कानून बनाया गया है या नहीं। साथ ही, कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि राज्य में निजी व्यक्तियों की ओर से दर्ज की गई उन एफआइआर की जानकारी दी जाए जिनमें गैंग्सटरों से धमकी मिलने की शिकायत दर्ज है।
यह मामला जस्टिस हरकेश मनुजा की पीठ के समक्ष विचाराधीन है। यह याचिका गुरदासपुर जिले के निवासी सिमरजीत सिंह द्वारा दायर की गई है जिन्होंने पंजाब पुलिस के एडीजीपी (सुरक्षा) सुधांशु एस श्रीवास्तव के खिलाफ अदालत है अवमानना की याचिका दाखिल है है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगा है कि श्रीवास्तव ने हाई कोर्ट 25 नवंबर 2024 के आदेश जानबूझकर उल्लंघन किय। सिमरजीत सिंह का कहना उन्हें गैंग्सटर लवप्रीत सिंह सर्फ की ओर से फिरौती की धमकी हि थी। लवी कुख्यात गैंगस्टर सुखमी पाल सिंह उर्फ सुख भिखारीवाल और कुछ स्थानीय प्रभा वशते लोगों का करीबी सहयोगी बताय गया है। इस खतरे के बावजूद उने पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी गई जिसके चलते उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाज खटखटाया है।
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