दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसानों ने प्रदर्शन कर एमएसपी की कानूनी गारंटी मांगी

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, पंजाब

उन्होंने नरेन्द्र मोदी सरकार को “किसान विरोधी” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह मोदी सरकार के किसान विरोधी दृष्टिकोण के कारण है।

Farmers demonstrated at Delhi's Jantar Mantar and demanded legal guarantee of MSP

New Delhi :  अखिल भारतीय किसान कांग्रेस (एआईकेसी) से जुड़े कृषक शुक्रवार को यहां जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए और केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल के आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों के लिए मुआवजे व एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग की।

पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर एक साल से अधिक समय तक राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में तीनों कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी। कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कृषकों के साथ सहयोग नहीं करने और उनसे किए गए वादों से मुकरने का भी आरोप लगाया।

कड़ी सुरक्षा के बीच बड़ी संख्या में आए प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने किसानों से पिछले साल किए गए वादों को पूरा करने में नाकामी के लिये मोदी सरकार की आलोचना की।

उन्होंने नरेन्द्र मोदी सरकार को “किसान विरोधी” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह मोदी सरकार के किसान विरोधी दृष्टिकोण के कारण है। यह एक कारण है कि उन्हें एमएसपी को लागू करने में कठिनाई हो रही है।”

उन्होंने कहा, “यह विरोध जंतर-मंतर तक सीमित नहीं होना चाहिए। हमें इसे आगे बढ़ाना चाहिए और देश का पेट भरने वाले किसानों के अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए।”

पार्टी नेता अलका लांबा ने कहा, “भले ही कांग्रेस चुनाव हार गई है, उसने लड़ने का साहस नहीं खोया है। मोदी सरकार एमएसपी कानून लागू करने के वादे को पूरा करने में विफल रही है।”

एआईकेसी के संयुक्त समन्वयक हरगोबिंद सिंह तिवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “केंद्र सरकार न तो किसानों के साथ सहयोग कर रही है और न ही उनके मुद्दों का समाधान कर रही है। कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन को समाप्त हुए एक साल से अधिक हो गया है, लेकिन किसानों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करने का सरकार का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है।”

उन्होंने कहा, “केंद्र को अपने अधिकारों के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले किसानों के परिवारों का मुआवजा तुरंत जारी करना चाहिए। दुर्भाग्य की बात है कि केंद्र के पास जान गंवाने वाले किसानों की सूची तक नहीं है। वे मुआवजा भी कैसे जारी करेंगे?”

उन्होंने मांग की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना को शीघ्र लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि देश में अब भी किसानों के लिए एक उचित कानून नहीं है, जो उन्हें सीधे लाभ हो सके।

कांग्रेस पार्टी का झंडा लिए और “जय जवान, जय किसान” के नारे लगाते हुए, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार और कुछ दक्षिणी राज्यों के किसान जंतर-मंतर पर एकत्रित हुए।

किसानों ने कहा कि वे भाजपा सरकार की “किसान विरोधी नीतियों” के खिलाफ हैं। पंजाब के रहने वाले दिलीप सिंह ने कहा कि किसानों को उनका वाजिब हक मिलना चाहिए।

जयपुर से आए कैलाश यादव ने कहा, “हम यहां किसानों के आंदोलन को मजबूत करने के लिए हैं। हम यहां अपने किसानों के साथ एकजुटता के लिए हैं, जो वर्तमान सरकार के तहत कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं।”