Punjab Land Pooling Policy News: पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग नीति रद्द, हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, पंजाब

आज पंजाब सरकार की विवादास्पद लैंड पूलिंग पॉलिसी, 2025 पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी गई थी

Punjab government land pooling policy cancelled news in hindi

Punjab Land Pooling Policy News In Hindi : पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग नीति रद्द  करने का बड़ा फैसला लिया है। बता दें कि इस मामले में कई दिनों से इसको लेकर विरोध हो रहा था।

बात दें कि इस पूरे मामले में पंजाब आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने नोटीस जारी करते हुए लिखा की सरकार एतद्द्वारा 14.05.2025 की भूमि पूलिंग नीति और उसके बाद के संशोधनों को वापस लेती है। परिणामस्वरूप, इसके अंतर्गत जारी किए गए सभी कार्य, जैसे कि आशय पत्र, किए गए पंजीकरण या कोई अन्य कार्रवाई, अब से रद्द कर दी जाएगी।(Punjab government land pooling policy cancelled news in hindi )

हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी

वहीं आज पंजाब सरकार की विवादास्पद लैंड पूलिंग पॉलिसी, 2025 पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। यह फैसला सरकार के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि यह नीति किसानों और विपक्षी दलों के विरोध का सामना कर रही थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह पॉलिसी जल्दबाजी में बनाई गई लगती है और इसमें कई महत्वपूर्ण पहलुओं को नजरअंदाज किया गया है।(Punjab government land pooling policy cancelled news in hindi )

क्या था मामला?

पंजाब सरकार ने जून 2025 में इस नीति को अधिसूचित किया था। इसका उद्देश्य शहरी और औद्योगिक विकास के लिए किसानों की उपजाऊ जमीन को 'पूल' करना था। इसके तहत, किसानों को उनकी जमीन के बदले में विकसित आवासीय और व्यावसायिक प्लॉट देने का वादा किया गया था। हालांकि, किसानों ने इसे अपनी जमीन छीनने की साजिश बताया। लुधियाना के एक निवासी गुरदीप सिंह ने इस नीति को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।(Punjab government land pooling policy cancelled news in hindi )

हाईकोर्ट ने क्यों लगाई रोक?

हाईकोर्ट ने सरकार की इस नीति पर कई गंभीर सवाल उठाए:

मूलभूत आकलन की कमी: कोर्ट ने कहा कि नीति को लागू करने से पहले कोई सामाजिक प्रभाव आकलन (Social Impact Assessment) या पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (Environmental Impact Assessment) नहीं किया गया।

पुनर्वास का अभाव: इस नीति में उन भूमिहीन मजदूरों, कारीगरों और अन्य लोगों के लिए कोई प्रावधान नहीं है, जो अपनी आजीविका के लिए इन जमीनों पर निर्भर हैं।(Punjab government land pooling policy cancelled news in hindi )

समयसीमा की अस्पष्टता: कोर्ट ने कहा कि नीति में इस बात का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है कि विकास कार्य पूरा होने और किसानों को उनके विकसित प्लॉट वापस दिए जाने में कितना समय लगेगा।

शिकायत निवारण तंत्र नहीं: प्रभावित लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए कोई उचित तंत्र (Grievance Redressal Mechanism) भी नहीं बनाया गया है।(Punjab government land pooling policy cancelled news in hindi )

हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को इन सभी मुद्दों पर चार हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस नीति से हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि प्रभावित होगी, जिससे राज्य का सामाजिक ताना-बाना भी बिगड़ सकता है।

सरकार और विपक्ष का रुख

हाईकोर्ट के इस फैसले का विपक्षी दलों और किसान संगठनों ने स्वागत किया है। कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने इसे किसानों की जीत बताते हुए सरकार से इस नीति को तुरंत वापस लेने की मांग की है। वहीं, आम आदमी पार्टी सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वह फिलहाल इस नीति पर कोई कदम नहीं उठाएगी और कोर्ट के आदेश का पालन करेगी। खैर अब मामले में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इसको वापस लेने का फैसला लिया है। ऐसे में अब इसको लेकर पंजाब के राजनीतिक गलियारों में इसपर विवाद होना लगभग तय है।(Punjab government land pooling policy cancelled news in hindi )

 

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