Farmer Protest: चंडीगढ़ में आज केंद्र और किसानों के बीच 5वीं बैठक, डल्लेवाल समेत 28 किसान नेता लेंगे हिस्सा
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 81 दिनों से आमरण अनशन पर हैं।
Farmer Protest Jagjit Dallewal Sarwan Pandher Meeting with Union Leaders News In Hindi: पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले एक साल से किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। केंद्र और किसानों के बीच पांचवें दौर की बैठक आज चंडीगढ़ में होगी। इस बैठक में 28 किसान नेता भाग लेंगे। आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) से जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा से सरवन सिंह पंधेर नेतृत्व करेंगे। किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 81 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। यहां आपको बता दें कि सुबह 11 बजे खनौरी बॉर्डर से किसानों का जत्था चंडीगढ़ के लिए रवाना होगा। केंद्र ने अभी तक यह जानकारी नहीं दी है कि बैठक में कौन भाग लेगा। यह बैठक चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित मैगसीपा कार्यालय में शाम 5.30 बजे होगी। सरवन पंधेर ने चेतावनी दी कि अगर बैठक में कोई समाधान नहीं निकला तो किसान दिल्ली कूच करेंगे।
केंद्र के साथ किसानों की अब तक चार दौर की बैठक
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 13 फरवरी 2024 को शुरू हुआ था। इसके बाद वे दिल्ली कूच करने के लिए निकले, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोक दिया। जिसके बाद वे दिल्ली-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैठ गए हैं। केंद्र और किसानों के बीच अब तक चार दौर की बैठक हो चुकी है। जिसमें कोई समाधान नहीं निकल पाया है। केंद्र के तीन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय पहले की बैठकों में शामिल हुए थे।
2024 में केंद्र-किसान बैठकों के 4 दौर
8 फरवरी: केंद्र सरकार के साथ किसानों की पहली बैठक हुई। कुछ मांगों पर सहमति बनी, लेकिन किसान संगठन कई मांगों पर अड़े रहे, जिनमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने के लिए कानून बनाना भी शामिल है। इस दौरान सरकार ने बैठक जारी रखने का निर्णय लिया।
12 फरवरी: न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी को लेकर चंडीगढ़ में किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच 5 घंटे की बैठक हुई। किसानों पर दर्ज सभी मामले वापस लेने और बिजली संशोधन विधेयक 2020 को निरस्त करने पर सहमति बनी, लेकिन किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी पर अड़े रहे। इसके बाद किसानों ने दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश की।
15 फरवरी: यह बैठक दोपहर 1 बजे तक चली। बैठक में किसानों ने हरियाणा पुलिस द्वारा बल प्रयोग पर आपत्ति जताई।
18 फरवरी: इस बैठक में केंद्र सरकार ने धान और गेहूं के अलावा दालों, आम, मक्का और कपास की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने किसानों को यह भी बताया कि इसके लिए उन्हें भारतीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और भारतीय कपास निगम के साथ 5 साल का समझौता करना होगा। यह बैठक 5 घंटे तक चली। इस दौरान कोई आम सहमति नहीं बन सकी।