पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी दे रहे हैं राज्यपाल : मुख्यमंत्री भगवंत मान

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, पंजाब

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें 16 पत्र लिखे हैं जिनमें से उन्होंने नौ का जवाब दे दिया है

Chief Minister Bhagwant Mann(file photo)

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी दे रहे हैं, जबकि मणिपुर और हरियाणा में उनके समकक्ष वहां कानून व्यवस्था की स्थिति पर चुप्पी साधे हुए हैं। राज्यपाल ने शुक्रवार को मान सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया गया तो वह राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं और आपराधिक कार्यवाही भी शुरू कर सकते हैं।

पंजाब के राज्यपाल पुरोहित ने मान पर उनके प्राधिकार की अवहेलना करते हुए उन्हें भेजे गये पत्रों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाते रहे हैं, जबकि मान ने दावा किया कि उन्होंने उन्हें प्राप्त सात संदेशों को छोड़कर बाकी सभी का जवाब दे दिया है। मान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "राज्यपाल ने पंजाब के शांतिप्रिय लोगों को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी दी है। राज्यपाल ने कहा कि मैं अनुच्छेद 356 लगाने की सिफारिश करूंगा।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें 16 पत्र लिखे हैं जिनमें से उन्होंने नौ का जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा, राज्यपाल को पत्र लिखने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और तत्काल जवाब की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

मान ने कहा कि उनकी सरकार मादक पदार्थों की समस्या से निपटने के लिये लगातार कदम उठा रही है तथा तस्करों की संपत्तियों को जब्त कर रही है, छापे मार रही है और गैंगस्टर रोधी टास्क फोर्स के गठन के साथ गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, लेकिन राज्यपाल का दावा है कि राज्य में कानून व्यवस्था ठीक नही है।

उन्होंने कहा कि पंजाब के राज्यपाल राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित हैं, लेकिन जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर पर उन्होंने कभी कोई बयान नहीं दिया। "क्या संविधान मणिपुर में लागू नहीं है?" मान ने दावा किया कि पंजाब, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना को छोड़कर ज्यादातर लोग अपने राज्यपालों के नाम नहीं जानते होंगे, क्योंकि इन सभी राज्यों में गैर-भाजपा सरकार है।

राज्यपाल ने शुक्रवार को अपने नवीनतम पत्र में संकेत दिया कि वह अपने पिछले पत्रों का कोई जवाब नहीं मिलने से परेशान हैं और उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से कहा कि वह राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता पर राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेज सकते हैं।

पुरोहित ने संविधान के अनुच्छेद 356 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 के तहत अपना अंतिम निर्णय लेने से पहले मान को कार्रवाई करने की सलाह दी।