पंजाब: कांग्रेस विधायक खैरा 2015 के मादक पदार्थ मामले में गिरफ्तार
वीडियो में खैरा पुलिस टीम के साथ बहस करते और गिरफ्तारी वारंट दिखाने को कहते देखे जा सकते हैं।
चंडीगढ़ : पंजाब पुलिस ने 2015 के मादक पदार्थ मामले में बृहस्पतिवार को कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा को गिरफ्तार कर लिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक मंजीत सिंह के नेतृत्व में पंजाब पुलिस की एक टीम ने सुबह करीब छह बजे खैरा के चंडीगढ़ स्थित आवास पर छापा मारा। विधायक के बेटे ने फेसबुक पर ‘लाइव’ आकर दिखाया कि पंजाब पुलिस की एक टीम खैरा को पकड़ने के लिए उनके आवास पर पहुंची है।
वीडियो में खैरा पुलिस टीम के साथ बहस करते और गिरफ्तारी वारंट दिखाने को कहते देखे जा सकते हैं। विधायक छापेमारी करने वाले टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों से उनकी पहचान भी पूछते नजर आ रहे हैं। पुलिस ने खैरा को बताया कि उन्हें स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम मामले में गिरफ्तार किया जा रहा है। जब खैरा ने पुलिस दल से पूछा कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है, तो एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें फाजिल्का के जलालाबाद ले जाया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अप्रैल 2023 में पुलिस उप महानिरीक्षक स्वप्न शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था और 2015 के मामले की जांच के आधार पर खैरा को गिरफ्तार किया गया है। भगवंत मान सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि उन्हें फर्जी मामले में पकड़ा जा रहा है और राज्य में ‘‘जंगल राज’’ चल रहा है।
इस बीच, पंजाब कांग्रेस ने आप सरकार पर हमला बोलते हुए उस पर राजनीतिक प्रतिशोध में लिप्त होने का आरोप लगाया। कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने खैरा की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की।
वडिंग, खैरा की गिरफ्तारी के बाद उनके आवास पहुंचे और उनके बेटे महताब खैरा और परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वे विधायक के साथ खड़े हैं।.
पंजाब कांग्रेस प्रमुख ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पूछा कि पंजाब पुलिस की यह कैसी जांच हैं जिसमें आठ साल बाद खैरा को गिरफ्तार किया गया है। वडिंग ने कहा, ‘‘यह दर्शाता है कि राज्य में 'जंगल राज' है।" और उन्होंने पंजाब पुलिस की कार्रवाई के दौरान चंडीगढ़ पुलिस की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में वडिंग ने कहा, ‘‘विधायक सुखपाल खैरा जी की गिरफ्तारी से राजनीतिक प्रतिशोध की बू आ रही है। यह विपक्ष को डराने का एक प्रयास है और मूल मुद्दों से (लोगों का) ध्यान भटकाने के लिए पंजाब में आप सरकार की एक चाल है। हम सुखपाल खैरा के साथ खड़े हैं और इस लड़ाई को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाएंगे।’’
बाजवा ने कहा, ‘‘वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी बेहद निंदनीय है। पंजाब में आप सरकार काफी नीचे गिर गई है और प्रतिशोध की राजनीति कर रही है। सुखपाल सिंह खैरा मुखर रहे हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार द्वारा किए गए गलत कार्यों और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाई है।’’.
उन्होंने कहा, "कानून के दायरे में रहते हुए पंजाब कांग्रेस उन्हें रिहा कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।’’.
मादक पदार्थ से जुड़ा यह मामला मार्च 2015 में फाजिल्का के जलालाबाद में दर्ज किया गया था। इसमें नौ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी और बाद में उन्हें स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था।.
पुलिस ने आरोपियों पास से दो किलोग्राम हेरोइन, सोने के 24 बिस्कुट, एक देसी पिस्तौल, एक .315 बोर की पिस्तौल और दो पाकिस्तानी सिम कार्ड बरामद किए थे। पुलिस जांच के दौरान बाद में खैरा का नाम सामने आया था। उच्चतम न्यायालय ने 2017 में खैरा के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी, जिन्हें मामले में अतिरिक्त आरोपी के तौर पर तलब किया गया था।
खैरा को 2015 के मादक पदार्थ मामले से जुड़े धन शोधन के आरोप में 2021 में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 2022 में उन्हें जमानत मिल गई। उच्चतम न्यायालय ने फरवरी 2023 में, 2015 के मादक पदार्थ मामले में खैरा के खिलाफ समन आदेश को रद्द कर दिया था।