उप्र : अतीक अहमद के रिश्तेदार की जमानत याचिका खारिज

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, उत्तरप्रदेश

उमेश पाल हत्याकांड में अतीक और अशरफ भी आरोपी थे।

UP: Bail plea of ​​Atiq Ahmed's relative rejected

बरेली (उप्र) : हाल ही में माफिया अतीक अहमद के साथ मारे गये उसके भाई अशरफ के साले अब्दुल समद उर्फ सद्दाम की अग्रिम जमानत अर्जी जिले की एक स्थानीय अदालत ने खारिज कर दी है। अब्दुल समद एक लाख रुपये का इनामी है। जिला अभियोजन अधिकारी सुनीत कुमार पाठक ने शुक्रवार को बताया कि सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार दुबे ने बृहस्पतिवार को अब्दुल समद उर्फ सद्दाम की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।

उन्‍होंने बताया कि अदालत को बताया गया कि सद्दाम के खिलाफ बरेली में पांच मामले दर्ज हैं और उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित है। उन्होंने कहा कि अदालत से सद्दाम की जमानत अर्जी खारिज करने का अनुरोध किया गया, जिसके बाद अदालत ने आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा कि अदालत को यह भी बताया गया कि सद्दाम बरेली जेल में ऐशो-आराम की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जेल अधिकारियों को संभवत: घूस के रूप में तरह-तरह के तोहफे देता था।

अधिकारी ने अदालत को बताया गया कि बरेली जेल में बंद रहने के दौरान अशरफ और अब्दुल समद उर्फ सद्दाम ने पुलिस अधिकारियों को मारने, गवाहों को धमकाने और जेल से रंगदारी वसूलने की अक्सर साजिश रचा करते थे।

प्रयागराज में उमेश पाल और उसके सुरक्षाकर्मियों की हत्या के बाद बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में अतीक के भाई अशरफ, उसके साले सद्दाम, गुर्गे लल्ला गद्दी, जेल वार्डन शिवहरि अवस्थी, कैंटीन संचालक दयाराम उर्फ नन्हे, जेल के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ षड्यंत्र रचने, रंगदारी मांगने, अपराधियों को संरक्षण देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी।

लल्ला गद्दी समेत नौ आरोपियों को इस आधार पर जेल भेजा गया कि वे अशरफ के साले सद्दाम के लिए काम करते थे। सद्दाम एवं लल्ला गद्दी के जरिये ही आरोपी बरेली जिला जेल में 12 फरवरी को अवैध रूप से अशरफ से मिले थे।

वर्ष 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षाकर्मियों की प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या किए जाने से 12 दिन पहले यह मुलाकात हुई थी। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक और अशरफ भी आरोपी थे।

विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और उसके दो पुलिस सुरक्षाकर्मियों की 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में हत्या हुई थी। इस मामले में नामजद शूटरों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था जिसमें बरेली जिला जेल से अतीक का बेटा असद और उसके साथी निकलते दिख रहे थे। 

पुलिस सूत्रों ने दावा किया था कि 12 फरवरी का यह वीडियो जेल में अशरफ से मुलाकात के बाद असद और उसके सहयोगियों के बाहर निकलने के समय का है।

गौरतलब है कि 15 अप्रैल की रात को प्रयागराज में पुलिस द्वारा चिकित्सकीय परीक्षण के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाते समय अतीक अहमद और अशरफ पर तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी करके उनकी हत्या कर दी। इसके दो दिन पहले झांसी में उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने एक मुठभेड़ में असद और गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया था।