उत्तर प्रदेश की कृषि वृद्धि दर को दोगुना करने की जरूरत : योगी आदित्यनाथ
UP में किसानों के लिए किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में पिछले साढ़े पांच वर्ष में हमने कई कार्यक्रम प्रारंभ किए।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि यदि हमें राज्य को देश की अर्थव्यवस्था के वृद्धि के इंजन के रूप में आगे बढ़ाना है, तो कृषि वृद्धि दर को वर्तमान की तुलना में दोगुना करना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में इसकी क्षमता है।
मुख्यमंत्री योगी ने यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में किसान सम्मान दिवस के मौके पर कृषक उत्पादक संगठनों के उत्पादों की प्रदर्शनी की शुरुआत करने के बाद कृषकों एवं कृषि उद्यमियों व कृषि वैज्ञानिकों को सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में अपने संबोधन में कहा, ‘‘देश की आबादी का 16 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, तो 11 प्रतिशत कृषि भूमि यहीं है और यह देश में सबसे उर्वरा भूमि है, सबसे अच्छा जल संसाधन भी हमारे पास है।’’
उन्होंने कहा कि पूरे देश के कुल खाद्यान्न का 20 प्रतिशत उत्तर प्रदेश से आता है। अगर हम अपने संसाधनों का सही नियोजन कर लें तो इसे और आगे बढ़ा सकते हैं। इसमें कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की भूमिका अहम होगी।’’
किसान सम्मान दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम सब जानते हैं कि आजादी के बाद चौधरी साहब (चौधरी चरण सिंह) ने स्पष्ट कर दिया था कि यदि भारत को दुनिया की एक ताकत के रूप में उभरना है तो देश के अंदर खेती और किसानी पर ध्यान देना होगा। भारत के विकास का मार्ग खेत और खलिहान से निकलेगा।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी साहब के सपनों को साकार करने और अन्नदाता किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने, उनकी आमदनी को दोगुना करने के लिए 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने कई कार्यक्रम प्रारंभ किए। जो धरती माता हम सबको पेट भरने और स्वावलंबन व सम्मान का आधार बनती है उसकी सेहत की रक्षा के लिए हमने मृदा स्वास्थ्य कार्ड की व्यवस्था प्रारंभ की। पहली बार फसल किसान बीमा योजना की शुरुआत हुई। योजनाओं की शुरुआत के साथ उनका सही तरह से क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया गया।
उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले साढ़े पांच वर्ष में हमने कई कार्यक्रम प्रारंभ किए। प्रदेश में प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के अन्नदाता किसानों को राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती के रूप में खेती की एक नई अवधारणा है।
प्राकृतिक खेती का अनुभव काफी कुछ सिखाता है। इस बार मानसून देर से आया, लेकिन प्राकृतिक खेती से जुड़े अन्नदाता किसानों ने पहले से ही तैयारी की थी उनकी उत्पादकता अच्छी थी। कार्यक्रम को कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही समेत कई प्रमुख लोगों ने संबोधित किया।