Patna News: महात्मा गांधी को महात्मा बनाने में पं राजकुमार शुक्ल की अहम भूमिका थी - रविशंकर

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राष्ट्रीय, उत्तरप्रदेश

पं राजकुमार शुक्ल को 150 वीं जयंती पर मिले भारत रत्न - राजेश भट्ट

Pandit Rajkumar Shukla played an important role in making Mahatma Gandhi a Mahatma - Ravi Shankar

Patna News: कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए मरणोपरांत शारदा सिन्हा, साहित्य- प्रसाद रत्नेश्वर पत्रकारिता विश्वजीत मुखर्जी और सामाजिक सेवा के लिए श्रीराम शर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट सारण को पंडित राजकुमार शुक्ला शिखर सम्मान से किया गया सम्मानित।

पटना स्थित विद्यापति भवन में 150 वीं पंडित राजकुमार शुक्ल जयंती समारोह पूरे धूमधाम और हहर्षोल्लास से मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित राजकुमार शुक्ल स्मृति संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष व लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के मुख्य प्रवक्ता डाॅ राजेश भट्ट ने की,जबकि मंच संचालन कवि आलोक शर्मा ने किया।

कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन माननीय सांसद पटना साहिब श्री रविशंकर प्रसाद जी , माननीय सदस्य- बिहार विधान परिषद डॉ संजय पासवान जी, ख्यातिप्राप्त इतिहासकार श्री भैरव लाल दास जी और पंडित शुक्ल जी  की दौहित्री श्रीमती वीणा देवी जी ने दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से किया।
 

इस अवसर पर संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष एवं लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के मुख्य प्रवक्ता डॉ राजेश भट्ट ने ऐतिहासिक 150 वीं जयंती वर्ष पर केंद्र सरकार और देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी से पंडित राजकुमार शुक्ल जी को भारत रत्न देने की मांग की।

इस अवसर पर देश की प्रख्यात लोक गायिका स्वर कोकिला पुण्यश्लोक शारदा सिन्हा जी को मरणोपरांत, साहित्य- प्रसाद रत्नेश्वर जी , पत्रकारिता- श्री विश्वजीत मुखर्जी जी, समाज -सेवा के क्षेत्र में श्रीराम शर्मा आचार्य चैरिटेबल ट्रस्ट, सारण को उल्लेखनीय कार्य के लिए पंडित राजकुमार शुक्ल  शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया ।

बापू को महात्मा बनाने में राजकुमार शुक्ला की अहम भूमिका थी ।   बापू को महात्मा बनाने में पंडित राजकुमार शुक्ल जी की अहम भूमिका थी । उनका ब्रितानी अधिकारियों के प्रति यह संकल्प था कि अहिंसा के माध्यम से इस लड़ाई पर विजय प्राप्त करनी है I  कृतज्ञ राष्ट्र को ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानियों को सदैव याद रखना चाहिए । मैं बिहार सरकार और भारत सरकार से बात करूंगा कि ऐतिहासिक रूप से उनकी भव्य जयंती आयोजित की जाए। उक्त बातें माननीय सांसद, पटना साहिब श्री रविशंकर प्रसाद ने स्थानीय विद्यापति भवन में आयोजित पंडित राजकुमार शुक्ल जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कही। 

जयंती के मौके पर पंडित राजकुमार शुक्ल स्मृति संस्थान द्वारा कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए मरणोपरांत लोक गायिका स्वर कोकिला शारदा सिन्हा, साहित्य- प्रसाद रत्नेश्वर पत्रकारिता विश्वजीत मुखर्जी और सामाजिक सेवा के लिए श्रीराम शर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट सारण को पंडित राजकुमार शुक्ल शिखर सम्मान से  सम्मानित किया गया। 

इस मौके पर ख्याति प्राप्त लेखक भैरवलाल दास  ने अपने वक्तव्य में एनसीईआरटी में प्रकाशित पुस्तक में उनके जीवनी में अशुद्धियों को लेकर सुधार करने की आवश्यकता पर बल दिया । श्री दास ने कहा कि गांधी से कठोर प्रश्न करने का अधिकार सिर्फ पंडित शुक्ल के प्रसंग की चर्चा करते हुए मैंने कहा कि पंडित शुक्ल पूछते हैं कि आखिर देश को आजादी कब मिलेगी? गांधी ने कहा कि बहुत जल्द। एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ जो गांधी जी की आत्मकथा है में बापू ने अपने आत्मकथा में पंडित शुक्ल की चर्चा की है । 

डॉ संजय पासवान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पंडित राजकुमार शुक्ल के 150 वीं जयंती को सरकार द्वारा पूरे वर्ष मनाना चाहिए इसके लिए कला एवं संस्कृति विभाग से मिलकर उनके जीवनी पर शोध काव्य प्रकाशित करने की सिफारिश की जाएगी ।  उक्त अवसर पर पंडित राजकुमार शुक्ल स्मृति संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष एवं लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के मुख्य प्रवक्ता डाॅ राजेश भट्ट ने अपने संबोधन में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी से 150 वीं ऐतिहासिक जयंती वर्ष में बिहार सरकार द्वारा 2018 में किए गए भारत रत्न की अनुसंशा पर अविलंब विचार करने की अपील की है।  

डॉ भट्ट ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह सर्वविदित है कि राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी  पंडित राजकुमार शुक्ल के अथक प्रयास और अनुनय विनय से चंपारण आए और किसानों की दुर्दशा की अनदेखी न करते हुए तीनकठिया प्रणाली  के तहत आर्थिक अत्याचार के खिलाफ नेतृत्व स्वीकार की।  

पंडित राजकुमार शुक्ल ने बापू को "महात्मा" से विभूषित किया और महात्मा गांधी के रूप में बापू को राष्ट्रीय फलक पर कांग्रेस में सर्वमान्य नेता के रूप में स्थापित किया । पंडित राजकुमार शुक्ला और महात्मा गांधी का मिलन एक सुखद संयोग था जिसने राष्ट्रीय स्वाधीनता संग्राम की दशा और दिशा तय की।  राष्ट्रीय स्वाधीनता संग्राम को एक नई गति मिली जिसके प्रेरक थे राजकुमार शुक्ल। 

डॉ भट्ट ने कहा कि एक बड़े रैयत होने के बावजूद भी राष्ट्रीय स्वाभिमान की खातिर ब्रितानी हुकूमत से लोहा लेने का संकल्प लिए और उन्होंने संघर्ष का रास्ता चुना। विश्व के सबसे बड़े किसान आंदोलन जिसमें बितानी हुकूमत को शिकस्त मिली और एग्रीगेशन एक्ट 1919 के तहत सदैव के लिए किसानों पर अत्याचार का पटाक्षेप  हो गया स्वाधीनता संग्राम की लड़ाई में अपना  सर्वस्व निछावर करने वाले जिसके पास दफन के लिये भी जमीन नहीं बची।  ऐसे त्याग देशभक्ति और समर्पण के प्रति मूर्ति पंडित राजकुमार शुक्ल को कृतज्ञ राष्ट्र ने बिल्कुल भुला दिया। जिस पर सरकारों को अविलंब विचार करने की जरूरत है । 

डॉ भट्ट ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार से भारत रत्न देने की मांग की है । डॉ भट्ट ने कहा कि यदि 150 वीं जयंती के ऐतिहासिक जयंती वर्ष पर पंडित राजकुमार शुक्ल को भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है तो यह तमाम उन स्वाधीनता संग्राम के सेनानियों का सम्मान होगा जो इतिहास के पन्ने में आज भी दर्ज नहीं हो सके । डॉ भट्ट ने बिहार सरकार से इनके जयंती समारोह को राजकीय समारोह के रूप में मनाने की मांग की है । 

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