उप्र में महिलाओं के विरूद्ध अपराध में सजा की दर राष्ट्रीय औसत से 123 प्रतिशत अधिक
खन्ना ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा चर्चा उप्र की कानून-व्यवस्था की है।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि राज्य में महिलाओं के विरूद्ध अपराध में सजा की दर 59.1 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से 123 प्रतिशत अधिक है।
विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान संसदीय कार्य मंत्री खन्ना ने समाजवादी पार्टी के सदस्य पंकज मलिक एवं बेचई सरोज और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के सदस्य जगदीश नारायण के महिला अपराध और रोकथाम के उपायों से संबंधित सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।
खन्ना ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा चर्चा उप्र की कानून-व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में उप्र में महिलाओं के विरूद्ध अपराध में 59.1 प्रतिशत सजा दिलवायी गयी जबकि इस अवधि में राष्ट्रीय औसत 26 प्रतिशत है। सरकार ने दावा किया कि पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर महिलाओं के विरूद्ध अपराधों में उत्तर प्रदेश में सजा का दर पूरे देश में सर्वाधिक है।.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में बाल एवं महिला सम्बन्धी अपराधों की रोकथाम एवं उन अपराधों में संलिप्त अपराधियों के विरूद्ध त्वरित गति से विवेचना पूर्ण कर उन्हे सजा दिलाना है।
मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में शीघ्र विचारण हेतु कुल 162 फास्ट ट्रैक कोर्ट एवं पॉक्सो सम्बन्धी अपराधों के लिए 218 एक्सक्लूसिव पॉक्सो कोर्ट स्थापित किये जा चुके हैं। उन्होंने उप्र की कानून-व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान हेतु 'महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन' की स्थापना की गयी है तथा विशेष अभियान 'मिशन शक्ति' चलाया जा रहा है। प्रदेश के समस्त थानों पर 'महिला हेल्प डेस्क' की स्थापना की गयी है तथा 10378 महिला बीटों का सृजन किया गया है।
उन्होंने कहा कि जिलों में 'एण्टी रोमियो दल' का गठन करते हुए महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है। इसके साथ वूमेन पावर लाइन-1090 क्रियाशील है, जिस पर महिलाएं अपनी शिकायत निःसंकोच एवं आत्मविश्वास के साथ दर्ज करवा रही है। प्रदेश में अपराध तथा अपराधियों पर 'जीरो टॉलरेंस' के सिद्धांत पर कार्यवाही किये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं।
मंत्री ने कहा कि विभाग की प्रभावी नीति के क्रियान्वयन के फलस्वरूप विगत पांच वर्ष 10 माह में इस प्रकार की घटनाओं में भारी कमी हुई है। मंत्री ने साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की चर्चा की।