Stock Market News: विदेशी बाजारों में गिरावट, आवक बढ़ने से तेल-तिलहनों के दाम टूटे
मलेशिया एक्सचेंज में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट थी, जबकि शिकॉगो एक्सचेंज भी दो प्रतिशत से अधिक के नुकसान में था।
Decline in foreign markets, rise in arrivals led to fall in prices of oilseeds News in Hindi: विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख तथा त्योहारों से पहले मंडियों में आवक बढ़ने के कारण सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में सभी तेल-तिलहन के दाम में गिरावट आई।
मलेशिया एक्सचेंज में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट थी, जबकि शिकॉगो एक्सचेंज भी दो प्रतिशत से अधिक के नुकसान में था।
बाजार सूत्रों के अनुसार, होली जैसे त्योहार से पहले मंडियों में सरसों की आवक बढ़ी है और इस बार उत्पादन भी कुछ कम हुआ है। इस वजह से सरसो तेल-तिलहन के दाम में गिरावट आई है। हालांकि, सरसों का थोक दाम टूटा है मगर इसका हाजिर दाम अभी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से लगभग पांच प्रतिशत कम है। ऐसे वक्त में तिलहन किसानों का उत्साह बढ़ाने के लिए सरकार को आगे आकर एमएसपी पर जल्द से जल्द सरसों खरीद शुरू करना चाहिये। लेकिन खुदरा बाजार में सरसों, मूंगफली जैसे खाद्य तेलों के दाम में कोई नरमी नहीं है और खुदरा बाजार की इस तेजी के लाभ से देश के तिलहन किसानों को कोई फायदा नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि विदेशों में खाद्य तेलों में गिरावट के बीच मूंगफली सहित सभी तेल-तिलहन कीमतों पर दबाव है। इस वजह से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम में भी गिरावट है।
सूत्रों ने कहा कि शिकॉगो एक्सचेंज के टूटने से जहां सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम में गिरावट देखने को मिली वहीं मलेशिया एक्सचेंज के कमजोर रहने से पाम-पामोलीन तेल के दाम में भी गिरावट आई।
उन्होंने कहा कि बड़ी खाद्य मिलें जानबूझकर दाम तोड देती हैं जिससे बाजार मंदी के चपेट में आ जाता है और छोटी मिलें नुकसान में चली जाती हैं। फिलहाल स्टॉकिस्ट सरसों का स्टॉक जमा करने में लगे हैं क्योंकि एक बार सरकारी खरीद शुरू होगी तो फिर इन स्टॉकिस्टों को सरसों सस्ते में नहीं मिल पायेगा।
सूत्रों ने कहा कि शिकॉगो एक्सचेंज के मंदा रहने से सोयाबीन के साथ-साथ बिनौला तेल के दाम भी टूट गए।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और गुजरात में कुछ स्थानों पर मिलावटी बिनौला खल का कारोबार बदस्तूर जारी है। स्थानीय तेल संगठनों ने इस पर रोक लगाने और दुधारू मवेशियों को सुरक्षित आहार प्रदान करने की लगातार सरकार से मांग की है जिस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 6,100-6,200 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 5,575-5,900 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,150 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,200-2,500 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,340-2,440 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,340-2,465 रुपये प्रति टिन।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,950 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,600 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,850 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,550 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,500 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,150-4,200 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 3,850-3,900 रुपये प्रति क्विंटल।
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