सरकार ने जीडीपी के आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की आलोचनाओं को किया खारिज

Rozanaspokesman

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सुब्रमण्यम ने लेख में कहा था कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को उत्पादकता के बजाय व्यय पक्ष से मापा जाता है।

Government rejects criticism of exaggerating GDP figures

New Delhi: वित्त मंत्रालय ने जीडीपी के आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने की आलोचनाओं को शुक्रवार को खारिज करते हुए कहा कि उसने आर्थिक वृद्धि की गणना के लिए आय के अनुमानों का इस्तेमाल करने की नियमित प्रक्रिया का पालन किया है। मंत्रालय ने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने पहली तिमाही के आंकड़ों को देखने के बाद अपने पूर्वानुमानों में संशोधन किया है।

मंत्रालय ने कहा कि आलोचकों को वृद्धि का आकलन करने के लिए क्रय प्रबंधकों के सूचकांक, बैंक ऋण वृद्धि, पूंजीगत व्यय में वृद्धि और उपभोग की प्रवृत्ति जैसे अन्य आंकड़ों पर गौर करना चाहिए।

मंत्रालय ने यह प्रतिक्रिया तब दी है जब इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि निवेश और निर्यात भी बड़े ही नाटकीय रूप से मंद पड़ गया है, जो अधिकतर भारतीय नागरिकों की इस स्थिति को बताता है कि ‘‘सब कुछ ठीक नहीं है।’’

उन्होंने वर्तमान आर्थिक परिदृश्य पर नरेन्द्र मोदी नीत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम का एक लेख सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया। सुब्रमण्यम ने लेख में कहा था कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को उत्पादकता के बजाय व्यय पक्ष से मापा जाता है।