Gold bond Returns: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वालों के चेहरे खिले,5 लाख के निवेश पर अब मिल रहे हैं 14 लाख रुपए
RBI के ताजा ऐलान के बाद यह साफ हो गया है कि सोने में समझदारी से किया गया निवेश कुछ ही सालों में बड़ा फंड बना सकता है.
Gold bond Returns: जिन निवेशकों ने 2020 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में निवेश किया था, उनके लिए खुशखबरी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)ने SGB 2020-21 सीरीज-III के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख और कीमत घोषित कर दी है। इससे स्पष्ट हो गया है कि पिछले पांच वर्षों में गोल्ड बॉन्ड ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भारत सरकार की एक योजना है, जिसे RBI प्रबंधित करता है। इसका कुल मैच्योरिटी पीरियड 8 साल का होता है, लेकिन निवेशकों को 5 साल पूरे होने के बाद प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन का विकल्प भी मिलता है। यानी निवेशक चाहें तो 8 साल पूरा होने से पहले भी अपना पैसा निकाल सकते हैं। यह सीरीज 16 जून 2020 को जारी की गई थी। उस समय ऑफलाइन निवेश करने वालों के लिए इसका मूल्य 4,677 रुपये प्रति ग्राम रखा गया था। वहीं, जिन निवेशकों ने ऑनलाइन आवेदन किया और डिजिटल भुगतान किया, उन्हें प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट दी गई थी, जिसके चलते उनका इश्यू प्राइस 4,627 रुपये प्रति ग्राम रहा।
RBI के मुताबिक, SGB 2020-21 सीरीज-III की प्रीमैच्योर रिडेम्पशन डेट 16 दिसंबर 2025 तय की गई है. इस पर मिलने वाली कीमत सोने के पिछले तीन कारोबारी दिनों के औसत भाव के आधार पर तय हुई है. इसके अनुसार, प्रति ग्राम गोल्ड बॉन्ड की रिडेम्पशन कीमत 13,152 रुपये होगी.
5 लाख का निवेश कैसे बढ़ा 14.2 लाख
अगर किसी निवेशक ने 2020 में लगभग 5 लाख रुपये का निवेश किया था, तो वर्तमान प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस पर उसकी कुल वैल्यू करीब 14.2 लाख रुपये हो जाएगी। केवल कीमत के आधार पर देखें तो प्रति ग्राम निवेश पर लगभग 8,525 रुपये का लाभ हुआ है। यह लगभग 184% का सिंपल रिटर्न बनता है, जिसमें बॉन्ड पर मिलने वाले ब्याज को शामिल नहीं किया गया है।
SGB की एक और खासियत यह है कि इसमें निवेशकों को हर साल 2.5% ब्याज भी मिलता है, जो हर छह महीने में सीधे उनके बैंक खाते में जमा किया जाता है। अंतिम ब्याज का भुगतान रिडेम्प्शन या मैच्योरिटी के समय मूल रकम के साथ किया जाता है, जिससे कुल रिटर्न और भी अधिक बढ़ जाता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड फिजिकल सोने का सुरक्षित विकल्प हैं। इसमें न तो चोरी का जोखिम होता है और न ही शुद्धता को लेकर कोई चिंता। ये बॉन्ड ट्रांसफर किए जा सकते हैं, एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं, और जरूरत पड़ने पर लोन के लिए गिरवी भी रखे जा सकते हैं।
SGB की कीमत कैसे तय होती है?
SGB की कीमत इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा जारी किए गए 999 शुद्धता वाले सोने के भाव पर आधारित होती है। सब्सक्रिप्शन शुरू होने से पहले के तीन कारोबारी दिनों का औसत निकालकर इसका अंतिम मूल्य निर्धारित किया जाता है।
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