Minimum Bank Balance: बैलेंस नहीं होने पर सरकारी बैंकों ने वसूले 8500 करोड़, जानें किस बैंक ने कितने वसूले
वित्त वर्ष 2019-20 में बैंकों ने पेनल्टी के रूप में 1,738 करोड़ रुपए वसूले थे।
Minimum Bank Balance News In Hindi: देश की सरकारी बैंकों ने खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर खाताधारकों पर 5 साल में 8500 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई है। इस दौरान इन बैंकों द्वारा पेनल्टी के रूप में वसूली जाने वाली राशि में 34% बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2019-20 में बैंकों ने पेनल्टी के रूप में 1,738 करोड़ रुपए वसूले थे।
यह बीते वित्त वर्ष 2023-24 तक बढ़कर 2,331 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।
इन बैंकों में खाते में न्यूनतम, शेष नहीं रखने पर पेनल्टी वसूलने का अलग-अलग मैकेनिज्म है। चौधरी ने कहा कि बैंकों को खाता खोलते समय ग्राहकों को न्यूनतम शेष राशि आवश्यकता और किसी भी बदलाव के बारे में सूचित करना चाहिए।
यदि खाते में न्यूनतम शेष राशि नहीं रखी जाती है, तो बैंक को ग्राहकों को पेनल्टी के बारे में सूचित करना चाहिए, जो एक महीने के भीतर सुधार न किए जाने पर लागू होगी। उन्होंने कहा कि इसी के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बचत खाता केवल न्यूनतम शेष राशि न बनाए रखने पर पेनल्टी लगाने से नेगेटिव बैलेंस में न बदल जाए।
सभी 12 सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में मिनियम बैलेंस ना होने पर 2331 करोड़ वसूले। ये 2022-23 में वसूले 1855 करोड़ से 25% ज्यादा है। इन 5 वर्षों में सबसे ज्यादा पीएनबी ने 1538 करोड़ रुपए वूसले। फिर इंडियन बैंक ने 1466 करोड़ की पेनल्टी लगाई।
5 साल में वसूले इतने पैसे
एसबीआई 640
पीएनबी 1,538
इंडियन बैंक 1,466
बीओबी 1,250
केनरा बैंक 1,157
बीओआई 827
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