Bhai Dooj 2023 Date: 14 या 15 भाई दूज के लिए कौन सा दिन है शुभ, जानें भाई-बहन के इस खास दिन से जुड़ी अनसुनी बातें
इस बार भाई दूज के लिए दो तारीखें सामने आ रही है. 14 नवंबर और 15 नवंबर।
Bhai Dooj 2023 Date: भाई दूज के दिन भाई -बहन एक दूसरे को प्यार और स्नेह बाटने है. इस दिन सभी बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है. इसे हर कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर मनाया जाता है. यह त्योहार भाई बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बना देता है. इस बार भी बहनें इस पर्व के लेकर उत्साहित है. इस बार भाई दूज के लिए दो तारीखें सामने आ रही है. 14 नवंबर और 15 नवंबर।
कब मनाए भाई दूज (Bhai Dooj 2023 Date Time)
इस बार दो तारीखें सामने आई है. अगर बात 14 नवंबर की करें तो इस दिन भाई दूज मनाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से दोपहर 3 बजकर 19 मिनट तक बताया जा रहा है. वहीं, 15 नवंबर को इसे मनानेशुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 5 मिनट तक बताया जा रहा है. इस साल ज्यादातर लोग भाई दूज 15 नवंबर को मनाएंगे।
भारत एक ऐसा देश जहां सबसे ज्यादा पर्व त्योहार मनाया जाता है. इन त्योहारों की मान्यताएं भी है. पर आज के समय में ज्यादातर लोग इनके इतिहास और महत्व को नहीं जानते। वहीं हर साल लोग भाई दूज मनाते है पर इसके इतिहास के बारें में लोग ना के बराबर ही जानते है. तो चलिए आज आपको इसके इतिहास से रूबरूह कराते हैं और बताते हैं इसे पहली बार किसने मनाया था.
जानिए किसने मनाया था पहला भाई दूज (Bhai Dooj Story)
माना जाता है कि इस भाई- बहन के इस प्यारे पर्व को पहली बार यमुना जी ने मनाया था. कहा जाता है कि यमुना जी ने अपने भाई को पहली बार टीका लगाकर इस अपने भाई यमराज की लंबी उम्र की कामना की थी.
यम और यमुना एक ऐसे भाई बहन थे जिनके बीच बहुत ही ज्यादा प्यार और स्नेह था. कहा जाता है कि एक दिन यम को अपनी बहन यमुना की बहुत याद आई तो वह यमुना के घर गए। अपने भाई के देख यमुना बहुत खुश हुई और उसने अपने भाई की पसंद की तरह-तरह के पकवान बनाए और अपने भाई का स्वागत किया। वहीं जब यम अपनी बहन से मिलने के वापस जानें लगे तो यमुना ने यम के माथे पर टीका लगाया और मिठाई खिलाई। जिसके बाद यम ने अपनी बहन यमुना से वरदान मांगने को कहा। इस पर यमुना ने कहा कि भाई मेरे पास सबकुछ है। मेरी बस ये कामना है कि आप इसी तरह हर साल मुझसे मिलने आए. जिसके बाद यम ने यमुना से कहा कि ऐसा ही होगा।
यम ने कहा कि मैं हर साल तुमसे इसी तरह मिलने आउंगा और इस दिन सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि हर भाई अपनी बहन से मिलने मिलने आएगा और तिलक लगवाएगा। जब बहन अपने भाई को तिलक लगाएगी तो उसके भाई की उम्र लंबी हो जाएगी। उसके जीवन में खुशियां ही खुशियां होंगी।
कहा जाता है कि जिस दिन मयम और यमुना ने इस पर्व की शुरुआत ही वह दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि थी और बस इसी दिन से सभी बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सुखमय जीवन की कामना करती है.
इस दिन बहन अपने भाई को नालियल भी देती है इसको लेकर कहा जाता है कि जब यमयमुना के घर से विदा ले रहे थे तो यमुना ने भेट में नारियल दिया था. और तभी से यह प्रता बन गई और हर बहन अपने भाई को उपहार में नारियल देती है.
गौरतलब है कि इस बार भाई दूज 15 नवंबर को मनाया जाएगा।