आखिर कौन है CJI चंद्रचूड़? जिन्होंने बदल दिया था अपने ही पिता का फैसला

Rozanaspokesman

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डीवाई चंद्रचूड़ सुुप्रीम कोर्ट के 50वें CJI हैं. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अब तक कईं अहम फैसले सुनाए हैं.

CJI Chandrachud (file photo)

New Delhi: इन दिनों सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर से लेकर हरियाणा नूंह हिंसा तक देश के कईं गभीर मामलों पर सुनवाई की. इस बीच एक नाम हमेशा चर्चा का विषय बना रहा और वो है जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़। डीवाई चंद्रचूड़ सुुप्रीम कोर्ट के 50वें CJI हैं. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अब तक कईं अहम फैसले सुनाए हैं. इनमें धारा 370, निजता का अधिकार, अयोध्या मंदिर, मणिपुर पर सरकार को झाड़। बता दें कि डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने पिता का फैसला भी बदल दिया था।  

तो आइए जानते है कि आखिर कौन हैं CJI चंद्रचूड़? जिन्होंने अपने ही पिता का फैसला पलट दिया था.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के पिता दिवंगत वाईवी चंद्रचूड़ भी चीफ जस्टिस रह चुके हैं. उनके पिता 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक चीफ जस्टिस रहे थे. उनके पिता सबसे लंबे समय तक इस पद पर बने रहने वाले पहले चीफ जस्टिस हैं. ये पहली बार है जब पिता और पुत्र दोनों ही इस पद पर पहुंचे. चीफ जस्टिस ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की है. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैम्पस लॉ सेंटर से कानून की डिग्री हासिल की.

जस्टिस चंद्रचूड़ शायद ही पहले ऐसे CJI होंगे जिन्होंने पिता के ही फैसलो को पलट दिया था. दरअसल साल 1985 में अडल्टरी के केस में तत्कालीन चीफ जस्टिस वाई.वी. चंद्रचूड़ की बेंच ने IPC की धारा 497 को बरकरार रखा था. साल 2018 में इस फैसले को पलटते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने अडल्टरी लॉ यानी बेवफाई कानून को गैरसंवैधानिक करार दिया था और कहा था कि यह कानून समानता के अधिकार का हनन है, जो महिला को पसंद के अधिकार से वंचित करता है... 

आखिर कितनी होती है सुप्रीम कोर्ट के CJI की सैलरी 

डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की सैलरी 2.80 लाख और उनके जजों की सैलरी 2.50 लाख रुपये हर महीने होती है. रिटायरमेंट के बाद चीफ जस्टिस को सालाना 16.80 लाख और जजों को 15 लाख रुपये पेंशन मिलती है. इसके साथ ही 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी भी दी जाती है.

क्या-क्या मिलती हैं सुविधाएं? 

- इसके अलावा चीफ जस्टिस को सरकारी आवास मिलता है. 

- इसके साथ एक गाड़ी, ड्राइवर भी मिलता है। 

- साथ में वह जिस घर में रहते हैं वहां बिजली पानी मुफ्त होती है।  

- CJI को साथ में काम करने के लिए कर्मचारी भी मिलते हैं। 

 कैसे की जाती है CJI की नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की सिफारिश कॉलेजियम करता है. कॉलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के जज ही होते हैं. ये कॉलेजियम जज के लिए नाम केंद्र सरकार को भेजता है. केंद्र की मुहर मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति होती है.

बता दें कि CJI ने ​सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत, ​समलैंगिकता को अपराध नहीं बताया था.