भाई की मृत्यु के बाद बहन को नौकरी नहीं मिल सकती, वह परिवार का हिस्सा नहीं है - कर्नाटक HC

Rozanaspokesman

अन्य, सोशल

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एक बहन 'परिवार' की परिभाषा में शामिल नहीं है।

Karnataka HC (file photo)

कर्नाटक- मृतक के उत्तराधिकारी के तौर पर अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी पाने वालों को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है. कर्नाटक सिविल सेवा (अनुकंपा आधार पर नियुक्ति) नियम, 1999 का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि एक बहन 'परिवार' की परिभाषा में शामिल नहीं है।

रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महिला के दावे को खारिज कर दिया, जिसने अपने भाई की मौत के बाद उसकी जगह अनुकंपा के आधार पर नौकरी मांगी थी. उनके भाई की 2016 में ड्यूटी के दौरान मौत हो गई, लेकिन कोर्ट ने याचिकाकर्ता को परिवार का सदस्य न मानते हुए याचिका खारिज कर दी.

मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले और न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित की खंडपीठ ने कहा कि नियम 2(1)(बी) में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी के मामले में मृत पुरुष के आश्रितों में उसकी पत्नी, बेटा या बेटी, जो अन्य आश्रित हैं और साथ रह रहे हैं, उनको ही परिवार का सदस्य माना जाएगा.

उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि ऐसा कोई दस्तावेज़ रिकॉर्ड पर नहीं रखा गया है जिससे पता चले कि अपीलकर्ता अपने भाई की आय पर निर्भर थी। न ही इस बात का कोई सबूत था कि मृतक का परिवार आर्थिक संकट में था, जिससे उसके दावे को सही ठहराया जा सके।