अब सिर्फ महिलाएं ही नहीं पुरुष भी ले सकेंगे गर्भनिरोधक...ICMR का ट्रायल सफल, परीक्षण में 308 पुरुषों को किया गया शामिल

Rozanaspokesman

अन्य, सोशल

परीक्षण में 25-40 वर्ष की आयु के 303 प्रतिभागी( स्वस्थ, सेक्सुअली ऐक्टिव और विवाहित पुरुष)  शामिल हुए थे।

Now not only women but also men will be able to take contraceptives... ICMR's trial successful,

New Delhi: महिलाओं के लिए तो गर्भनिरोधक गोलियां उपलब्ध हैं लेकिन पुरुषों के लिए अभी तक इस तरह की कोई चीज उपलब्ध नहीं है. लेकिन अब ICMR ने इस क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है. दरहसल, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने सात साल के क्लीनिकल ट्रायल के बाद पुरुषों के लिए भी गर्भनिरोधक गोली तैयार कर ली गई है और इसका कोई बुरा साइड इफेक्ट नहीं है.   परीक्षण से पता चला है कि यह बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के सुरक्षित और काफी प्रभावकारी है।

इस स्टडी में पता चला कि नॉन-हार्मोनल इंजेक्शन वाले पुरुष गर्भनिरोधक RISUG (रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस) पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है. यह लंबे समय तक काम करता है. अंतरराष्ट्रीय ओपन एक्सेस जर्नल एंड्रोलॉजी में स्टडी के तीसरे चरण के निष्कर्ष को प्रकाशित किया गया है. - परीक्षण में 25-40 वर्ष की आयु के 303 प्रतिभागी( स्वस्थ, सेक्सुअली ऐक्टिव और विवाहित पुरुष)  शामिल हुए थे। बहु-केंद्र वाले अस्पताल-आधारित चरण-तीन के क्लीनिकल ​​परीक्षण पांच अलग-अलग केंद्रों (नई दिल्ली, उधमपुर, लुधियाना, जयपुर और खड़गपुर) में किए गए और आईसीएमआर, नई दिल्ली द्वारा समन्वित किए गए।

चरण-तीन के क्लीनिकल परीक्षण आयोजित करने की अनुमति भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा दी गई थी और संबंधित केंद्रों की संस्थागत नैतिक समितियों द्वारा अनुमोदित की गई थी। अध्ययन में 303 स्वस्थ, यौन रूप से सक्रिय और विवाहित पुरुषों तथा उनकी स्वस्थ एवं यौन रूप से सक्रिय पत्नियों ने हिस्सा लिया। ये प्रतिभागी नसबंदी के लिए परिवार नियोजन क्लीनिक और मूत्रविज्ञान या सर्जरी विभाग में आए थे। पुरुषों को 60 मिलीग्राम का ‘रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस’ (आरआईएसयूजी) का इंजेक्शन लगाया गया।

अध्ययन में कहा गया, ‘‘एजुस्पर्मिया (वीर्य निकलने में अवरोध) की स्थिति बनने के संबंध में आरआईएसयूजी की समग्र प्रभावकारिता 97.3 प्रतिशत थी और गर्भावस्था की रोकथाम के आधार पर बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के 99.02 प्रतिशत थी।’’ अध्ययन में कहा गया कि गर्भनिरोधक विकास के इतिहास में आरआईएसयूजी पुरुष और महिला समेत सभी गर्भनिरोधकों की तुलना में उच्चतम प्रभावशीलता प्रस्तुत करता है।

अध्ययन के अनुसार, दुनिया की लगातार बढ़ती आबादी के साथ, जनसंख्या नियंत्रण के लिए पुरुष गर्भनिरोधक के आधुनिक तरीकों को विकसित करने की तत्काल आवश्यकता है। गर्भनिरोधक उपाय के रूप में पुरुष नसबंदी काफी प्रभावी है, लेकिन इस पद्धति की कुछ प्रमुख सीमाएं बेहतर तकनीकों के विकास की मांग करती हैं। पुरुषों के लिए आदर्श गर्भनिरोधक के रूप में एक बार के इंजेक्शन के साथ नगण्य दुष्प्रभावों के साथ दीर्घकालिक प्रभावशीलता का विकल्प होना चाहिए। अध्ययन में कहा गया, ‘‘इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आरआईएसयूजी के रूप में पुरुष गर्भनिरोधक के लिए एक नया दृष्टिकोण विकसित किया गया है। एक बार इंजेक्शन वाली पुरुष गर्भनिरोधक विधि के रूप में इसमें बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाने की क्षमता है।’’

अध्ययन में कहा गया है कि इस विधि की महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसमें हार्मोनल इंजेक्शन वाले गर्भ निरोधकों के विपरीत शरीर के अन्य अंगों पर दुष्प्रभाव नहीं होता ।