Tiger Attack News : सरकारी आंकड़ें में बड़ा खुलासा, बाघ के हमले में पांच सालों में 302 लोगों की मौत
महाराष्ट्र में 2022 में 85, 2021 में 32, 2020 में 25, 2019 में 26 और 2018 में दो लोगों की बाघ के हमलों में मौत हो गई।
Big revelation in government figures, 302 people died in tiger attacks in five years News In Hindi : देशभर में पिछले पांच सालों के दौरान बाघ के हमलों में 302 लोगों की मौत हो गई, लेकिन इनमें से 55 फीसदी से अधिक मौतें अकेले महाराष्ट्र में हुईं। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। आंकड़े के मुताबिक, केंद्र ने पीड़ितों के परिवारों को मुआवजे के रूप में 29.57 करोड़ रुपये वितरित किए हैं। सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में लोकसभा को बताया कि वर्ष 2022 में बाघ के हमलों में 112 लोग मारे गए, जबकि 2021 में 59, 2020 में 51, 2019 में 49 और 2018 में 31 लोग मारे गए।
इस अवधि के दौरान अकेले महाराष्ट्र में बाघ के हमलों में 170 लोगों की मौत दर्ज की गई। महाराष्ट्र में 2022 में 85, 2021 में 32, 2020 में 25, 2019 में 26 और 2018 में दो लोगों की बाघ के हमलों में मौत हो गई। उत्तर प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में बाघ के हमलों के कारण 39 मौतें हुईं। उत्तर प्रदेश में 2022 और 2021 में 11-11, 2020 में चार, 2019 में आठ और 2018 में पांच लोगों की मौत बाघ हमले के कारण हुई।
पश्चिम बंगाल में पांच सालों में 29 लोगों की मौत बाघ के हमले में हुई, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह संख्या लगातार कम हुई है। पश्चिम बंगाल में 2018 में बाघ हमले के कारण 15 लोगों की मौत हुई, लेकिन यह संख्या घटकर 2022 में केवल एक रह गई। आंकड़ों से पता चलता है कि बिहार में बाघ के हमले से संबंधित मौतों में वृद्धि हुई है। बिहार में 2019 में बाघ के हमले से किसी की मौत नहीं हुई, लेकिन वर्ष 2020 में एक, 2021 में चार और 2022 में नौ लोगों की जान बाघ के हमले के कारण चली गई।
इस साल जुलाई में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में बाघों की संख्या 2018 में 2,967 से बढ़कर 2022 में 3,682 हो गई, जो छह प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि को दर्शाती है। बाघों की संख्या में पिछले चार सालों में 50 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 785 बाघों के साथ मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है, जबकि 563 बाघ के साथ कर्नाटक दूसरे स्थान पर है। उत्तराखंड में 560 और महाराष्ट्र में 444 बाघ हैं।