Pune Porsche Accident: कार दुर्घटना मामले में नाबालिग आरोपी की मां गिरफ्तार, बेटे के बदले अपना ब्लड सैंपलदेने का आरोप

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शिवानी अग्रवाल पिछले कुछ दिनों से घर से लापता थी. उन्हें कल देर रात गिरफ्तार कर लिया गया और आज अदालत में पेश किया जाएगा।

Mother of minor accused arrested in Porsche car accident case News In Hindi

Pune Porsche Accident Case Update:  पुणे पोर्श कार मामले में नाबालिग आरोपी की मां को शनिवार (1 जून) को गिरफ्तार कर लिया गया। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने यह जानकारी दी है. किशोर आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल पर अपने बेटे के खून के नमूने को अपने खून के नमूने से बदलने के लिए डॉक्टरों को पैसे देने का आरोप है। 

शिवानी अग्रवाल पिछले कुछ दिनों से घर से लापता थी. उन्हें कल देर रात गिरफ्तार कर लिया गया और आज अदालत में पेश किया जाएगा।

पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने शनिवार को बताया कि दुर्घटना की जांच में यह पता चला है कि किशोर के रक्त नमूने उसकी मां के रक्त नमूने से बदले गए थे जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने दो दिन पहले एक स्थानीय अदालत में कहा था कि किशोर के रक्त के नमूने एक महिला के रक्त के नमूने से बदले गए थे।

पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को ‘पोर्श’ कार के 17 वर्षीय चालक ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कथित रूप से टक्कर मार दी थी जिससे दोनों की मौत हो गयी थी। पुलिस ने दावा किया कि आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था।

मामले के 17 वर्षीय आरोपी को एक सुधार गृह में भेज दिया गया जबकि उसके पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को परिवार के वाहन चालक का कथित तौर पर अपहरण करने और उस पर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।

शुक्रवार को एक अदालत ने नाबालिग के पिता और दादा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उनकी पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त हो गयी थी।

पुलिस ने बताया कि नाबालिग आरोपी की मां ने यह दिखाने के लिए उसके रक्त नमूने अपनी रक्त नमुने से बदले आरोपी दुर्घटना के वक्त नशे की हालत में नहीं था।

पुलिस ने आरोप में ससून जनरल हॉस्पिटल के फॉरेंसिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. अजय तावड़े, चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर और कर्मचारी अतुल घाटकाम्बले को गिरफ्तार किया है .

पुलिस के अनुसार, शराब की जांच के लिए नमूने एकत्रित किए जाने के दौरान विशाल अग्रवाल और गिरफ्तार चिकित्सकों में से एक डॉ. अजय तावड़े के बीच फोन पर कई बार बातचीत हुई थी। महाराष्ट्र के मंत्री हसन मुशरिफ ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘पुलिस ने पाया कि पुणे में जिस रात दुर्घटना हुई थी, तब डॉ. तावड़े छुट्टी पर थे और उन्हें किसी का फोन आया था। उन्होंने तीन लाख रुपये लिए और डॉ. हलनोर को रक्त नमूने बदलने के लिए फोन किया।’’

पुलिस ने रक्त नमूनों की कथित तौर पर अदला-बदली के संबंध में विशाल अग्रवाल की हिरासत के लिए शुक्रवार को एक अर्जी दायर की। इस बीच, किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने पुलिस को पोर्श दुर्घटना में कथित तौर पर शामिल नाबालिग से पूछताछ करने की अनुमति दे दी है। किशोर न्याय अधिनियम के तहत किसी नाबालिग से पूछताछ उसके माता-पिता की उपस्थिति में की जानी होती है।

जेजेबी ने 19 मई को दुर्घटना के कुछ घंटों बाद रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल के नाबालिग बेटे को जमानत दे दी थी। उसने नाबालिग से सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का एक निबंध लिखने को कहा था जिसकी काफी आलोचना हुई थी।

देशभर में आलोचना के बीच पुलिस ने फिर जेजेबी का रुख किया जिसने आदेश में बदलाव किया और नाबालिग को पांच जून तक सुधार गृह में भेज दिया।

जेजेबी के एक सदस्य द्वारा नाबालिग को जमानत दिए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने जेजेबी के उन सदस्यों के आचरण की जांच के लिए एक समिति गठित की, जिनकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की गई थी। समिति यह भी देखेगी कि पुणे कार दुर्घटना मामले में आदेश देते वक्त क्या नियमों का पालन किया गया। महिला व बाल विभाग के आयुक्त प्रशांत नारनवरे ने पहले बताया था कि एक उपायुक्त की अध्यक्षता वाली यह समिति अगले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

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