उत्तराखंड : गौरीकुंड में बाढ़ और भूस्खलन के बाद तीन लोगों की मौत, 16 लापता
हादसे में बही दो दुकानों और एक खोखे में कुल 19 लोग रह रहे थे, जिनमें से 16 लापता हैं और उनकी तलाश जारी है।
देहरादून: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड के पास भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद तीन लोगों की मौत हो गई और 16 अन्य लापता हो गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचकर गौरीकुंड हादसे की जानकारी ली और राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने ‘पीटीआइ-भाषा’ को बताया कि बृहस्पतिवार को मध्य रात्रि के बाद तेज बारिश के दौरान गौरीकुंड से कुछ मीटर दूर डाट पुलिया में आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण मलबे के साथ तीन दुकानें बह गईं, जिससे उसमें रह रहे तीन लोगों की मौत हो गई।
रजवार के मुताबिक, हादसे में बही दो दुकानों और एक खोखे में कुल 19 लोग रह रहे थे, जिनमें से 16 लापता हैं और उनकी तलाश जारी है।.
उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर रात में ही राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था और तीन लोगों के शव घटनास्थल से करीब 50 मीटर नीचे बह रही मंदाकिनी नदी से बरामद किए गए।
रजवार के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), पुलिस और अन्य एजेंसियां नदी में तथा उसके किनारे युद्धस्तर पर तलाश अभियान चला रही हैं।
घटनास्थल पर मौजूद पुलिस क्षेत्राधिकारी विमल रावत ने कहा कि भारी बारिश के कारण राहत एवं बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि घटनास्थल के आसपास पहाड़ से अभी भी रुक-रुक कर पत्थर गिर रहे हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचकर गौरीकुंड हादसे के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली और वहां राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से गौरीकुंड क्षेत्र में जल्द से जल्द हर संभव मदद पहुंचाने के लिए भी कहा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर में जारी बारिश से उपजे हालात का जायजा भी लिया और प्रमुख नदियों के जलस्तर के बारे में जानकारी हासिल की।.
उन्होंने कहा कि नदियों का जलस्तर बढ़ने से जहां भी बाढ़ की समस्या आ रही है, उन सभी स्थानों को खाली किया जाए और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री ने भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील इलाकों के आसपास बनी इमारतों एवं कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए।
धामी ने कहा कि गौरीकुंड में हादसे के बाद राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी है और लापता लोगों को ढूंढने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हादसे में मृतक एवं लापता लोगों के परिजनों से भी संपर्क किया जा रहा है।
इस दौरान, मुख्यमंत्री के साथ अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
उधर, उत्तराखंड के कई इलाकों में पिछले 24 घंटे के दौरान बारिश का दौर जारी रहा। सर्वाधिक बारिश बागेश्वर जिले में दर्ज की गई, जहां लीती में 131 मिलीमीटर, बागेश्वर में 77 मिलीमीटर, कपकोट में 70 मिलीमीटर और डंगोली में 67.5 मिलीमीटर पानी बरसा।
वहीं, हरिद्वार के लक्सर में 90 मिलीमीटर, नैनीताल के हल्द्वानी में 86 मिलीमीटर, देहरादून के विकासनगर में 54 मिलीमीटर और ऋषिकेश में 50 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।