सुनिश्चित करूंगा कि एमवीए के घटक दल महाराष्ट्र विधानसभा, लोकसभा चुनाव साथ लड़ें : शरद पवार

Rozanaspokesman

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पवार ने कहा कि BJP के गढ़ कस्बा पेठ में हुए विधानसभा उपचुनाव में आम लोगों ने धंगेकर को चुना, क्योंकि वह पिछले कई वर्षों से उनके लिए काम कर रहे हैं।

Sharad Pawar (फोटो साभार PTI)

पुणे :  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के लोग बदलाव चाह रहे हैं और वह यह सुनिश्चित करेंगे कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक दल राज्य का अगला विधानसभा चुनाव तथा 2024 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ें। पवार ने पुणे शहर के कस्बा पेठ विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक रवींद्र धंगेकर से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह टिप्पणी की। धंगेकर राकांपा प्रमुख से मिलने के लिए पुणे स्थित उनके आवास पहुंचे थे।

पवार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गढ़ कस्बा पेठ में हुए विधानसभा उपचुनाव में आम लोगों ने धंगेकर को चुना, क्योंकि वह पिछले कई वर्षों से उनके लिए काम कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या आगामी निकाय चुनावों में एमवीए के घटक दल साथ लड़ने का फॉर्मूला दोहराएंगे, पवार ने कहा कि राकांपा में उनके सहयोगी इस पहलू पर गौर कर रहे हैं।.

उन्होंने कहा, “हालांकि, मेरा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि एमवीए के घटक दल एक साथ रहें, संयुक्त फैसले लें और राज्य विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों का मिलकर सामना करें।” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के लोग बदलाव चाह रहे हैं।

उन्होंने कहा, “मैं राज्य में घूम रहा हूं और इस दौरान लोग मुझसे कह रहे हैं कि वे बदलाव चाहते हैं। वे चाहते हैं कि हम (विपक्ष) साथ आएं। यह लोगों की भावना है।”

एमवीए का गठन 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद हुआ था, जब उद्धव ठाकरे और उनकी पुरानी सहयोगी भाजपा की राहें जुदा हो गई थीं। इसमें शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं। कस्बा पेठ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस-एमवीए उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर ने भाजपा प्रत्याशी हेमंत रासने पर 10,800 से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी।

दो मार्च को नतीजों की घोषणा के बाद पवार ने कहा था कि भाजपा के गढ़ में उसकी हार यह संकेत देती है कि देशभर में बदलाव की बयार बह रही है।महाराष्ट्र में भाजपा एकनाथ शिंदे गुट के साथ सत्ता साझा करती है, जिसे चुनाव आयोग ने हाल ही में ‘शिवसेना’ के रूप में मान्यता दी है।