राजस्थान सरकार ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम के मेयर को किया निलंबित
स्थानीय स्वशासन विभाग ने शनिवार देर रात मुनेश गुर्जर के निलंबन का आदेश जारी किया।
जयपुर : राजस्थान सरकार ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर को पट्टे जारी करने से संबंधित रिश्वत मामले में उनके पति की गिरफ्तारी के बाद शनिवार देर रात निलंबित कर दिया। वहीं, मुनेश गुर्जर ने रविवार को इस मामले को “उनके और उनके परिवार के खिलाफ राजनीतिक साजिश” बताया।
स्थानीय स्वशासन विभाग ने शनिवार देर रात मुनेश गुर्जर के निलंबन का आदेश जारी किया। जयपुर हेरिटेज नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मुनेश गु्र्जर के पति सुशील गुर्जर और दो कथित बिचौलियों-नारायण सिंह और अनिल दुबे को शुक्रवार रात जमीन का पट्टा जारी करने के बदले दो लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
अधिकारियों के मुताबिक, मुनेश गुर्जर के घर की तलाशी में 40 लाख रुपये नकद और पट्टे की फाइल बरामद हुई, जबकि नारायण सिंह के घर पर छापे के दौरान आठ लाख रुपये नकद मिले।
स्थानीय स्वशासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव हृदेश कुमार शर्मा ने निलंबन आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया मामले में मुनेश गुर्जर की संलिप्तता के संकेत मिलने के कारण जांच पूरी होने तक उन्हें महापौर पद से निलंबित किया जाता है।
वहीं, मुनेश गुर्जर ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया, “यह मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ राजनीतिक साजिश है। जिन लोगों ने साजिश रची है, वे एक न एक दिन जरूर फंसेंगे। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।”
शनिवार देर रात और रविवार सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करने वाले राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, “राजस्थान सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य कदम है। जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, उसके खिलाफ इसी तरह की सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
खाचरियावास ने कहा, “दोनों (मुनेश गुर्जर और उनके पति) ने पार्टी और उसके नेताओं की छवि के बारे में नहीं सोचा। इससे बड़ा कोई पाप नहीं हो सकता। मैं चाहता हूं कि एसीबी द्वारा की गई रिकॉर्डिंग सार्वजनिक की जाए, ताकि आम जनता को भी पता चले कि ये लोग कैसे भ्रष्टाचार में लिप्त थे।” मंत्री ने कहा, “हमने लोगों के कल्याण के लिए कांग्रेस का महापौर बनाया है, भ्रष्टाचार और चोरी के लिए नहीं।”
आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान ने कहा, “राजस्थान सरकार भ्रष्टाचार को लेकर ‘कतई बर्दाश्त न करने वाली’ नीति अपना रही है। उसने भ्रष्टाचार में संलिप्तता के संकेत मिलने पर महापौर को चौबीस घंटे के भीतर निलंबित कर दिया।”
खान ने कहा, “इससे साफ है कि राजस्थान में जो भी भ्रष्टाचार में लिप्त होगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कितना भी रसूकदार क्यों न हो।”