ओडिशा में 142 जगह जंगल में आग की घटनाएं, देश में सबसे अधिक

Rozanaspokesman

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एफएसआई के आंकड़ों में कहा गया है कि ओडिशा के 30 में से 12 जिलों में मंगलवार को जंगल में आग लगने की घटनाएं हुईं।

Forest fire incidents at 142 places in Odisha, highest in the country

भुवनेश्वर :  ओडिशा में विभिन्न जिलों में 142 स्थानों पर जंगलों में आग लगी हुई है, जो मंगलवार को, देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। राज्य में अक्टूबर से बारिश नहीं हुई है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) के आंकड़ों के अनुसार, दिन में दोपहर 12 बजे तक देशभर से आग लगने की 391 सक्रिय घटनाएं दर्ज की गईं।

इस मामले में ओडिशा शीर्ष पर है जहां 142 जगह आग लगी हुई है। इसके बाद छत्तीसगढ़ में 58, आंध्र प्रदेश में 48, तेलंगाना में 37, झारखंड और कर्नाटक में 32-32 और महाराष्ट्र में 15 जगह आग लगी हुई है। कई अन्य राज्यों में भी दावानल की घटनाओं की सूचना मिली है लेकिन इनकी संख्या कम है। जंगल में आग प्राकृतिक कारणों से शुरू हो सकती है जैसे कि आकाशीय बिजली गिरना या जब तेज हवा के दौरान सूखे पेड़ की शाखाएं एक दूसरे से रगड़ती हैं। आग का कारण मानव जनित भी हो सकता है जब कोई सिगरेट और बीड़ी के जले हुए टुकड़ों को सूखे पत्तों पर फेंक देता है।

एफएसआई के आंकड़ों में कहा गया है कि ओडिशा के 30 में से 12 जिलों में मंगलवार को जंगल में आग लगने की घटनाएं हुईं। मयूरभंज जिले में जंगल में आग लगने की सबसे अधिक घटनाएं सामने आयीं। मयूरभंज जिले में ही सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान स्थित है।

कोरापुट, मल्कानगिरि, नानारंगपुर, नुआपाड़ा, सुंदरगढ़, कंधमाल, गजपति, गंजाम, खुर्दा, क्योंझर और कटक जिलों से भी ऐसी घटनाओं की सूचना है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक देवीदत्त बिस्वाल ने संवाददाताओं को बताया कि वन विभाग कई जगहों पर आग बुझाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘तीन हजार से अधिक वन कर्मियों, 16,000 वन सुरक्षा समितियों (वन सुरक्षा समितियों) और 280 विशेष दस्तों को राज्य में दावानल से निपटने के लिए लगाया गया है। महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को भी जागरूकता उत्पन्न करने और आग की घटनाएं रोकने के लिए लगाया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह गर्मियों की शुरुआत है और राज्य में जंगल में आग लगने की काफी घटनाएं होती हैं। हम बारिश के लिए प्रार्थना कर रहे हैं क्योंकि आगे हालात और खराब हो सकते हैं। अक्टूबर के बाद से बारिश नहीं होने से लंबा सूखा पड़ा है।’’ भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार से बारिश का पूर्वानुमान जताया है जिससे लंबे समय से पड़े सूखे के कारण जंगल में लगी आग बुझाने में मदद मिल सकती है।