मुझे फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं : मप्र के सीएम चौहान ने रैली में लोगों से पूछा

Rozanaspokesman

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मध्य प्रदेश में 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव साल के अंत में होने की संभावना है।

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भोपाल : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शीर्ष पद से हटने की भविष्यवाणी के मद्देनजर चौहान ने एक जनसभा में लोगों से पूछा कि क्या उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं?

विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश के राजनीतिक हलकों में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा चौहान को दरकिनार करने की अटकलें जोरों पर हैं। आगामी चुनावों के लिए भाजपा ने कई दिग्गज नेताओं को उम्मीदवार बनाया है और पार्टी के सत्ता बरकरार रखने की स्थिति में इन दिग्गजों को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है।

शुक्रवार को डिंडोरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, ‘‘मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि मैं अच्छी सरकार चला रहा हूं या खराब। तो क्या इस सरकार को आगे जारी रहना चाहिए या नहीं? क्या मामा (जैसा कि उन्हें लोकप्रिय रूप से कहा जाता है) को मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं?’’ उन्होंने जनसभा में मौजूद लोगों से यह भी पूछा कि क्या नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बने रहना चाहिए और क्या भाजपा को (राज्य और केंद्र में) सत्ता बरकरार रखनी चाहिए?

इस पर, उपस्थित लोगों ने इन सभी प्रश्नों का सकारात्मक उत्तर दिया। प्रियंका गांधी ने बृहस्पतिवार को राज्य के धार जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि चौहान फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।

उन्होंने कहा था, ''प्रधानमंत्री मोदी जी यहां आते हैं...आजकल वह शिवराज जी का नाम लेने से कतरा रहे हैं, बस अपना नाम ले रहे हैं और लोगों से अपने (मोदी) लिए वोट मांग रहे हैं। अब वह (चौहान) आपके मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले।’’

राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले चौहान को हाल ही में सार्वजनिक कार्यक्रमों और रैलियों के दौरान भावुक होते देखा गया है। हाल ही में अपने गृह क्षेत्र बुधनी में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में चौहान ने लोगों से पूछा कि क्या उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं। बुधनी में मुख्यमंत्री ने महिलाओं से कहा था कि जब वह आसपास नहीं होंगे तो उन्हें ‘‘मेरे जैसे भाई’’ की याद आएगी।.

शुक्रवार को उज्जैन में आयोजित एक कार्यक्रम में चौहान ने कहा कि राजनीति की राह फिसलन भरी है और हर कदम पर फिसलने का डर है।

उन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले आध्यात्मिक नेताओं से यह सुनिश्चित करने के लिए आशीर्वाद मांगा कि वह ‘‘सदाचार के मार्ग पर चलते रहें।’’.

आगामी चुनावों के दौरान अपनी उम्मीदवारी के बारे में सार्वजनिक अनुमति मांगने वाले हालिया बयानों के बारे में पूछे जाने पर, चौहान ने शुक्रवार को भोपाल में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसका मतलब है कि हम (एक दूसरे को) भाई और बहन मानते हैं। मामा का परिवार, जो राज्य के लोग हैं, इस बात को समझते हैं। अगर हमें (चुनाव) लड़ना है तो हम लोगों से पूछकर ही ऐसा करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह एक पारिवारिक रिश्ता है और इसे समझने के लिए गहन अंतर्दृष्टि की जरूरत है।’’

मध्य प्रदेश में 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव साल के अंत में होने की संभावना है। भाजपा ने 79 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, जिनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ-साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता और इंदौर के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल हैं। इन सभी राजनीतिक दिग्गजों को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।

इस सप्ताह की शुरुआत में, विजयवर्गीय ने कहा कि वह केवल विधायक बनने के लिए आगामी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं बल्कि पार्टी उन्हें कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देगी। अगस्त में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान, जब पूछा गया कि क्या चौहान पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे, तो केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार अमित शाह ने मीडिया से जवाबी सवाल करते हुए पूछा था कि वह ‘‘पार्टी का काम (पदों के लिए व्यक्तियों का चयन) क्यों कर रहे हैं?’’.