IndiGo Crisis: Supreme Court ने सुनवाई से किया इनकार, CJI बोले- ‘लाखों लोग परेशान लेकिन सरकार कदम उठा रही’
कोर्ट ने कहा कि सरकार ने इस मामले का संज्ञान लिया है और कार्रवाई कर रही है।
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने इंडिगो संकट में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि सरकार इस समय कदम उठा रही है, और अगर स्थिति बिगड़ती तो मामला अलग होता। उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि लाखों लोग इस समस्या से प्रभावित हैं, लेकिन मामले को सरकार ही देख रही है और उन्हें ही इसे संभालने दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि लगभग 2,500 उड़ानें विलंबित हैं और 95 हवाई अड्डे प्रभावित हुए हैं।
पिछले सात दिनों से इंडिगो की अधिकांश उड़ानें रद्द हो रही हैं, जिसके मद्देनजर एक जनहित याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले वकील नरेंद्र मिश्रा ने पूरे संकट पर स्वतः संज्ञान लेने और तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की। याचिका में प्रभावित यात्रियों के लिए वैकल्पिक यात्रा और मुआवजे की भी मांग की गई है। इसमें दावा किया गया कि यात्रियों को इस स्थिति के कारण गंभीर परेशानियों और मानवीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, और इस पर त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है।
उड़ानों के रद्द होने के पीछे पायलटों के लिए लागू किए गए नए FDTL नियमों की योजना को गलत बताया गया है। याचिका में यह भी कहा गया कि इस तरह इंडिगो की उड़ानों को रद्द करना अनुच्छेद 21 में निहित अधिकारों का उल्लंघन है।
इंडिगो की उड़ानों के रद्द होने और देरी से चलने के कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर 6 दिसंबर को याचिकाकर्ता के वकील सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) सूर्यकांत के घर पहुंचे और इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की। फ्लाइट रद्द होने की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में PIL भी दाखिल की गई थी।
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