भारत की जी20 अध्यक्षता को जन भागीदारी का ऐतिहासिक आयोजन बनाएंगे : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने बताया कि जी20 की करीब 200 बैठकों के दौरान इस समूह के अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल भारत के अलग-अलग शहरों में पहुंचेंगे।
इंदौर (मध्यप्रदेश) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, जी20 समूह की मौजूदा भारतीय अध्यक्षता को केवल राजनयिक प्रसंग के तौर पर नहीं देख रहा है और इस अवसर को ‘‘जन भागीदारी के ऐतिहासिक आयोजन’’ में तब्दील किया जाएगा।
मोदी ने इंदौर में ‘प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन’ का उद्घाटन करते हुए कहा,‘‘भारत जी20 अध्यक्षता की मौजूदा जिम्मेदारी को दुनिया को अपने बारे में बताने के बड़े अवसर के रूप में देख रहा है, जबकि यह दुनिया के लिए भारत के पुराने अनुभवों से सीखकर एक टिकाऊ भविष्य की दिशा तय करने का मौका है।’’
उन्होंने कहा,‘‘हमें जी20 की मौजूदा अध्यक्षता को केवल राजनयिक प्रसंग नहीं, बल्कि जन भागीदारी का एक ऐतिहासिक आयोजन बनाना है।’’.
प्रधानमंत्री ने बताया कि जी20 की करीब 200 बैठकों के दौरान इस समूह के अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल भारत के अलग-अलग शहरों में पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि जी20 की भारतीय अध्यक्षता के दौरान दुनिया के विभिन्न देश भारत के जन-जन के मन में ‘‘अतिथि देवो भव:’’ की भावना का दर्शन करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के भीषण प्रकोप के बीच स्वदेशी टीके के विकास और नागरिकों को इसकी 220 करोड़ से ज्यादा खुराक मुफ्त में देने के रिकॉर्ड, वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत के शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनने और अन्य उपलब्धियों पर जोर दिया। उन्होंने कहा,‘‘आज पूरी दुनिया भारत की ओर बड़ी रुचि और उत्सुकता से देख रही है कि देश क्या और कैसे कर रहा है? पिछले कुछ सालों में भारत ने विकास की जो गति प्राप्त की है और जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे असाधारण और अभूतपूर्व हैं।’’.
मोदी ने कहा कि दुनिया का 40 प्रतिशत डिजिटल लेन–देन अकेले भारत में होता है और एक बार में 100 उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड बनाने वाले भारत को सबसे उन्नत अंतरिक्ष तकनीकी वाले देशों में गिना जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक मंच पर आज भारत का बयान अलग ही मायने रखता है। उन्होंने कहा,‘‘भारत की ताकत आने वाले दिनों में और बढ़ने वाली है जिससे विश्व समुदाय में देश के प्रति जिज्ञासा में भी इजाफा होगा। इसलिए प्रवासी भारतीयों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।’’
उन्होंने प्रवासी भारतीयों को विदेशी जमीन पर ‘‘भारत के राष्ट्रदूत’’ करार दिया और उनसे अपील की कि वे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ज्ञान के साथ ही देश के बढ़ते सामर्थ्य और प्रगति के बारे में अद्यतन जानकारी रखें ताकि इसे दुनिया के अन्य लोगों से साझा किया जा सके। प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाते हुए कहा कि वे दुनिया में जहां भी रहेंगे, भारत सरकार वहां उनके हितों की रक्षा के लिए हमेशा उनके साथ रहेगी।
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी ने विशेष सम्मानित अतिथि के रूप में और गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।
इस सम्मेलन की याद को चिरस्थायी बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने दोनों राष्ट्राध्यक्षों के साथ एक डाक टिकट ‘‘सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं’’ भी जारी किया जो सुरक्षित, कानूनी, व्यवस्थित और कुशल प्रवासन के महत्व को रेखांकित करता है।