ओडिशा में बढे़ H3N2 के मामले, राज्य सरकार ने जिलों से निगरानी बढ़ाने को कहा
H1N1 और H3N2 इन्फ्लूएंजा ए वायरस के उपस्वरूप हैं।
भुवनेश्वर : ओडिशा में H3N2 के 59 मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने जिला अधिकारियों से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और श्वसन संबधी ‘सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन’ (एसएआरआई) की निगरानी तेज करने को कहा है और लोगों को व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने तथा भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने की सलाह दी है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव शालिनी पंडित ने जिलाधिकारियों और संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को स्वास्थ्य सुविधा स्तर और सामुदायिक स्तर पर आईएलआई और एसएआरआई की निगरानी बढ़ाने के लिए कहा है।
अधिकांश मरीजों में लक्षण हल्के और स्वत: ठीक होने वाले हैं, इसलिए राज्य सरकार ने हाथ धोने, व्यक्तिगत स्वच्छता और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने पर जोर दिया है। अधिकारी ने कहा कि जिला एकीकृत रोग निगरानी परियोजना इकाइयां तैयार हैं और स्थिति की लगातार निगरानी कर रही हैं।
H1N1 और H3N2 इन्फ्लूएंजा ए वायरस के उपस्वरूप हैं। विभाग ने एक बयान में कहा कि यह दिसंबर से मार्च तक बच्चों और बुजुर्गों में पाया जाने वाला एक सामान्य फ्लू वायरस है। सरकार ने कहा कि इन्फ्लूएंजा वायरस एक सामान्य मौसमी वायरस है जो बुखार, खांसी और जुकाम का कारण बनता है। विभाग ने कहा कि गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों या बुजुर्ग लोगों में यह श्वसन संबंधी जटिलताओं को जन्म दे सकता है।
पंडित ने कहा, ‘‘100 में से नब्बे व्यक्ति अपने आप ठीक हो जाते हैं क्योंकि यह वायरल बीमारी अपने आप में सीमित है। बाकी दस प्रतिशत मामलों में आईएलआई और एसएआरआई के लक्षण होने पर सांस लेने में तकलीफ, लगातार खांसी और दवाओं की जरूरत हो सकती है।’’ उन्होंने कहा कि कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों और फ्लू जैसे लक्षणों से पीड़ित व्यक्तियों को मास्क का उपयोग करना चाहिए।