तमिलनाडु में उदयनिधि के ‘उदय’ की चर्चा गर्म ! विपक्ष का वार, वंशवाद की राजनीति
विपक्ष इसे द्रविड़ियन पार्टी के दशकों पुराने इतिहास में एक और ‘पुत्र उदय’ या ‘उदयनिधि के उदय’ के अध्याय के रूप में देख रहा है,...
चेन्नई : अपने पिता एम. के. स्टालिन के नेतृत्व वाली कैबिनेट में उदयनिधि स्टालिन का शामिल होना द्रविड़ मुनेत्र कषगम के कार्यकर्ताओं और उत्साही समर्थकों के लिए जहां ‘सूर्य उदय’ के समान है, वहीं विपक्ष इसे द्रविड़ियन पार्टी के दशकों पुराने इतिहास में एक और ‘पुत्र उदय’ या ‘उदयनिधि के उदय’ के अध्याय के रूप में देख रहा है, जिसके संस्थापक दिवंगत नेता सी. एन. अन्नादुरई थे।
द्रमुक कार्यकर्ता अभिनेता-निर्माता उदयनिधि (45) की ‘‘उदय होते सूर्य’’ के रूप में प्रशंसा करते हैं जो जाहिर तौर पर पार्टी के चिह्न ‘‘उगते सूर्य’’ के संदर्भ में है। मन्नारगुडी निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार के विधायक और लोकसभा सदस्य टी. आर. बालू के पुत्र टी. आर. बी. राजा ने ट्वीट किया, ‘‘अंधकार को मिटाने की क्षमता सिर्फ सूर्य में है। चिन्नावर (जूनियर) उदयनिधि स्टालिन तमिलनाडु की सरकार में एक नए सूरज के रूप में चमकेंगे।’’
राजा, द्रमुक की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) शाखा के भी प्रमुख हैं। उन्होंने कामना की कि उदयनिधि एक मंत्री के रूप में शानदार काम करेंगे। राजा ने कहा कि उदयनिधि का ‘‘जमीन से जुड़ा होना और उनका मित्रवत व्यवहार’’ युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री के रूप में उनकी संभावित भूमिका में तमिलनाडु की छिपी हुई खेल प्रतिभाओं के लिए मदद का हाथ बढ़ाने में सहायता करेगा। उन्होंने भरोसा जताया कि यह राज्य में खेलों के लिए स्वर्णिम युग होगा।
न केवल द्रमुक नेताओं की युवा पीढ़ी, बल्कि टीकेएस एलनगोवन जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी पार्टी की युवा शाखा के 45 वर्षीय नेता की पदोन्नति का स्वागत किया, जो स्टालिन-दुर्गा दंपति के दो बच्चों में से एक हैं।
एलनगोवन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘उदयनिधि को वरिष्ठ नेताओं का समर्थन हासिल है। उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुडी जैसे अन्य लोग भी लंबे समय से उदयनिधि को कैबिनेट में शामिल करने का समर्थन करते रहे हैं।’’
हालांकि विपक्ष इस कदम से खुश नहीं है और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे ‘‘वंशवाद की राजनीति का नया युग और द्रमुक में एक बार फिर पुत्र उदय करार दिया है।’’
एआईएडीएमके के प्रवक्ता कोवई सत्यन ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘‘‘प्रिंस चार्मिंग’ (युवराज) को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है और भविष्य में वह राजा के रूप में शपथ लेंगे।’’
सत्यन ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान स्टालिन ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि वह ऐसे पदों से अपने परिवार को दूर रखेंगे। इस वीडियो का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘स्टालिन ने लोगों से झूठ बोला। जो लोग पार्टी के लिए काम करते हैं वे दरकिनार किए जा रहे हैं और जिस तरह से पार्टी काम कर रही है वह अलोकतांत्रिक है।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि युवा द्रमुक नेता 2024 के संसदीय चुनाव से पहले उपमुख्यमंत्री बना दिए जाएंगे और 2026 में वह विधानसभा चुनाव में द्रमुक के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने स्टालिन को उनके पूर्व के वादों की याद दिलाई।
उन्होंने कहा, ‘‘स्टालिन जब विपक्ष में थे तो उन्होंने क्या कहा था? उन्होंने कहा था कि उनके परिवार के सदस्य राजनीति में नहीं आएंगे या सत्ता का हिस्सा नहीं बनेंगे... लोकतंत्र के लिए वंशवाद की राजनीति ठीक नहीं है।
राजनीतिक टिप्पणीकार सुमंत सी रमन का मानना है कि पार्टी को बेटे और बेटियों को अन्य अहम पदों पर नियुक्त करने पर ‘कोई खेद नहीं है’ जबकि अन्य भी इस मामले पर चुप ही रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘द्रमुक ने वंशवाद की राजनीति के लिए कभी खेद नहीं जताया। जबकि अन्य पार्टियां भी इसके बारे में चुप ही रही हैं और ऐसे बर्ताव करती हैं मानो वो वंशवादी नहीं हों।’’